Karauli Sarkar: करौली शंकर महादेव के सानिध्य में MP2 कार्यक्रम में हुआ छात्रों का 'स्मृति पवित्रीकरण कार्यक्रम'
(Photo : X)

#KarauliSarkar: करौली शंकर महा देव धाम के प्रमुख श्री करौली शंकर गुरुदेव अक्सर सुर्खियों में रहते है. करौली शंकर महादेव पूर्वज मुक्ति धाम में भक्तों को रोग, शोक और ऋणमुक्त करके, दीक्षा और ध्यान, साधना का पाठ पढ़ाकर आज करौली शंकर गुरुदेव भारत ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों में भी अपनी छाप छोड़ चुके हैं. मंगलवार को करौली शंकर (गुरुदेव) लखनऊ के न्यू पब्लिक कॉलेजिएट इंटर कॉलेज, सरोजनी नगर में पहुंचे.

लव कुश फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित और करौली शंकर महादेव धाम के संरक्षण के तहत यहां पर "स्मृति पवित्रीकरण कार्यक्रम" आयोजित किया गया. कार्यक्रम से जुड़े समन्वयक ने बताया कि स्मृति पवित्रीकरण एक यौगिक महाविज्ञान कार्यक्रम है, जिसका मुख्य उद्देश्य मानव में निरंतर - सुख , समृद्धि , शारीरिक,मानसिक एवम आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बनाए रखने की दिशा में मार्गदर्शन करना है.

इस स्मृति पवित्रीकरण के यौगिक महाविज्ञान के तहत धरती के सभी मानव, रोग मुक्त परिवार और शोक मुक्त परिवार और ऋण मुक्त परिवार की तरह बनकर, स्वयं को समाधानित, समाज को भयमुक्त और सृष्टि में सहक्रिया का वातावरण बना सकते हैं. कार्यक्रम में 7 से लेकर 18 साल तक के विद्यार्थी सम्मिलित रहे जो किसी न किसी प्रकार की शारीरिक/मानसिक नकारात्मक रोगी स्मृतियों से परेशान थे.

करौली शंकर (गुरुदेव) ने बच्चों से सामूहिक वार्तालाप कर उनकी परेशानियों को समझा और इसके पश्चात सभी विद्यार्थियों को विभिन्न योगाभ्यासों तथा स्वयं की प्रार्थना एवम स्वयं के संकल्प के द्वारा, सभी को शारीरिक,मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ कैसे बने रहें का अभ्यास भी कराया.

करौली शंकर गुरुदेव ने जहां ध्यान, साधना, योगासन, प्राणायाम, जप , तप , अनुष्ठान , हवन - यज्ञ आदि की शक्ति और उसकी अनिवार्य आवश्यकता के संबंध में बताया, वहीं स्वयं की प्रार्थना एवं संकल्प की शक्ति से, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बने रहने के लिए, सूक्ष्म जगत व स्थूल जगत में संतुलन बनाए रखने के लिए, अभ्यास कराकर तुरंत ही मिलने वाले परिणाम से परिचय भी कराया .

बच्चों को उनकी स्वयं की प्रार्थना और संकल्प की परम ऊर्जा के द्वारा बच्चों को उनकी नकारात्मक स्मृतियों से मुक्त कराया जो कि उनकी पढ़ाई और विकास में बाधा डाल रही थी. जैसे कि बुद्धि बंधी रहना, आलस्य होना, सही गलत में निर्णय न लें पाना, हीनभावना बनी रहना, आत्मविश्वास में कमी रहना, लैपटॉप - मोबाइल अत्यधिक देखना, गंदे चित्र देखना, तनाव बना रहना, पढ़ाई में ध्यान ना लगा पाना, बहुत जल्दी ध्यान भटक जाना या चीजों को याद ना रख पाना, पढ़ते समय सिरदर्द होना, निद्रा आना, घबराहट,बेचैनी, उलझन होना, घर से भाग जाने का मन करना, पढ़कर समझ न पाना, सुनकर समझ न पाना, देखकर समझ न पाना, अपना दोष दूसरों पर मढ़ना, जीवनीय शक्ति कमजोर होना, एकाग्रता में कमी रहना, झूठ बोलने की आदत, चोरी या अपराध करने, हत्या - आत्महत्या करने का मन करना, बढ़ी हुई वासनाओं से परेशान रहना, गंदे गंदे बुरे विचार आना, गंदे स्वप्न आना आदि. भविष्य में भी अपनी स्वयं की प्रार्थना एवम संकल्प की अद्भुत शक्ति से, आने वाली समस्याओं से कैसे निपटा जा सके इस पर भी ध्यान दिलाया. इसके साथ-साथ रोग मुक्ति, शोक मुक्ति, ऋण मुक्ति क्या है यह भी समझाया कि इनसे मुक्त होकर ही हम भविष्य में सफल हो सकते हैं.

मानवीय जीवन की अनिश्चितता और चुनौतियां से कैसे निपटा जा सके इसके बारे में भी गुरु जी ने विद्यार्थियों से बातचीत की. गुरु जी ने कहा कि नकारात्मक स्मृतियां अक्सर पढ़ने में बाधा पैदा करती है व शारीरिक रोगों का खतरा भी बना रहता है. इसलिए स्मृति पवित्रीकरण का महत्व समझाते हुए गुरु जी ने कहा कि पवित्रीकरण से सभी शारीरिक मानसिक और आंतरिक दोषों से मुक्ति मिलती है और एक बेहतर और परोपकारी जीवन जीने का सामर्थ्य भी प्राप्त होता है. कार्यक्रम के बाद बच्चों ने बताया कि उन्हें अपने अंदर एक अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव महसूस हो रहा है, अंदर से हल्कापन व खुशी महसूस हो रही है, वह पहले से बहुत ज्यादा केंद्रित और बेहतर महसूस कर रहे हैं. खूब पढ़ने का मन कर रहा है, आत्मविश्वास ऐसा है कि लगता है कि अब हम पढ़ लिखकर 100 में 100 नंबर भी ला सकते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि मात्र गुरुजी के दर्शन भर से ही उन्हें एक अलग तरह की दिव्यता और सौम्यता का एहसास हुआ जो आज से पहले उन्होंने कभी नहीं देखी थी. करौली शंकर गुरुदेव का स्वागत कालेज के प्रबंधक,प्रिंसिपल,अध्यापकों,अभिभावकों ने किया व मौके पर प्रधानाचार्य ने कहा कि गुरुजी के आने से आज जो आलौकिक और भौतिक अनुभव बच्चों को हुआ है उससे वे जीवन में जरूर ऊंचा मकाम हासिल करेंगे.