मुंबई: बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सोमवार को मुंबई में खसरे से पीड़ित एक वर्षीय बच्ची की मौत हो गई. सूत्रों के मुताबिक, लड़की को 'दिल की बीमारी' थी. बच्ची की मौत के बाद शहर में खसरा से हुई मौतों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. बीएमसी के अनुसार, खसरे के 78 नए रोगियों को सोमवार को अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जबकि 49 को ठीक होने पर छुट्टी दे दी गई. बढ़ते प्रदूषण से गर्भवती महिलाओं, जन्म लेने वाले बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है: विशेषज्ञ.
एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई में खसरे के मामले बढ़ रहे हैं. उच्च जोखिम वाला क्षेत्र मुंबई-पूर्व है. मुंबई के कुछ अन्य हिस्सों में भी मामलों की बढ़ती संख्या दर्ज की गई है.
तेजी से बढ़ते खसरे के मामलों को देखते हुए बीएमसी ने मुंबईकरों से अपने बच्चों का टीकाकरण कराने का आग्रह किया है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "मुंबई में खसरे के प्रकोप को देखते हुए, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे 9 महीने से 5 साल की उम्र के बीच अपने बच्चों का टीकाकरण करें."
क्या हैं खसरा और इसके लक्षण
मीजल्स या खसरा बचपन में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इसमें बच्चों को बुखार, नाक बहना और चेहरे पर लाल चकत्ते निकल आते हैं. खसरे या मीजल्स को वैक्सीन के माध्यम से खत्म करने की बहुत कोशिश हो रही है लेकिन अब तक यह बच्चों में होता है. समय पर अगर खसरे का इलाज न किया जाए तो इससे मौत भी हो सकती है.
अगर किसी बच्चे में खसरा है तो संक्रमण के 8 दिनों बाद यह किसी दूसरे बच्चे को संक्रमित कर सकता है. इस समय तक पहले संक्रमित बच्चे में रेशेज नहीं दिखते हैं. इसके बावजूद इस बच्चे से अन्य बच्चे में खसरा को संक्रमण हो सकता है.
बचाव
समय आने पर खसरे का टीका अपने बच्चे को अवश्य लगवाएं. अगर किसी जगह पर खसरे का संक्रमण बढ़ गया है तो अपने बच्चे को आइसोलेट करें. अगर बच्चे में खसरे का लक्षण है तो डॉक्टर के पास अवश्य जाएं. खासकर तब जब आपके आस पास के बच्चों को यह बीमारी हो रही हो.