मायावती ने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन से इनकार किया

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी. रविवार को ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, उन्होंने उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया कि जिसमें कहा जा रहा था कि बसपा उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के साथ हाथ मिलाएगी.

मायावती ने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन से इनकार किया
बसपा सुप्रीमों मायावती (फोटो क्रेडिट- ANI)

लखनऊ, 27 जून : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अकेले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) लड़ेगी. रविवार को ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, उन्होंने उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया कि जिसमें कहा जा रहा था कि बसपा उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के साथ हाथ मिलाएगी. उन्होंने कहा, "यह खबर फैलाई जा रही है कि एआईएमआईएम और बसपा यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे. यह खबर पूरी तरह से झूठी, भ्रामक और निराधार है. इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है, और बसपा इसका जोरदार खंडन करती है."

उन्होंने आगे कहा कि बसपा यह स्पष्ट करना चाहेगी कि पंजाब को छोड़कर, पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी. बसपा और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन किया है. 2007 में 206 सीटें जीतकर सत्ता में आई बसपा 2012 में सिर्फ 80 सीटों के साथ रह गई थी. 2014 में मायावती की पार्टी ने एक भी लोकसभा सीट नहीं जीती थी और 2017 के उत्तर विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ 19 सीटें मिली थीं. पिछले कुछ वर्षों में बसपा का समर्थन आधार घटने के साथ, भाजपा और समाजवादी पार्टी 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले दलित मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. यह भी पढ़ें : Jammu: एयरफोर्स स्टेशन पर देर रात 5 मिनट में दो धमाके, पुलिस और फोरेंसिक की टीम जांच जारी

अप्रैल में, अखिलेश यादव ने घोषणा की कि समाजवादी पार्टी (सपा) एक बाबा साहेब वाहिनी का गठन करेगी जिसका नाम दलित आइकन डॉ बी.आर. अम्बेडकर पर होगा. बाबा साहेब वाहिनी का उद्देश्य दलितों को समाजवादी पाले में लाना और उन्हें सामाजिक शोषण से सुरक्षा का आश्वासन देना है. भाजपा ने अब घोषणा की है कि वह अंबेडकर के नाम पर एक स्मारक बनाएगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा सहयोगी थे. हालांकि, लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद, मायावती ने यह घोषणा करते हुए पार्टी से नाता तोड़ लिया कि उनकी पार्टी फिर कभी सपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी.


संबंधित खबरें

AAP Councilors Join BJP: ‘आप’ के पार्षदों ने थामा भाजपा का दामन, वीरेंद्र सचदेवा ने दिलाई पार्टी की सदस्यता

Next CEC of India: भारत को मिलेगा नया मुख्य चुनाव आयुक्त, जल्द शुरू होगी चयन प्रक्रिया, राजीव कुमार का कार्यकाल समाप्त

Lalu Yadav's Big Statement on BJP: हम लोगों के रहते भाजपा की बिहार में नहीं बनेगी सरकार; लालू यादव

दिल्ली सीएम को लेकर हलचल तेज, जेपी नड्डा ने 10 विधायकों से की मुलाकात

\