नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) पर नियंत्रण पाने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) जारी है. बीते 4 मई से लॉकडाउन की तीसरा चरण शुरू हुआ है जो 17 मई तक चलेगा. देशव्यापी बंदी के कारण उद्योग-धंधे पूरी तरह से ठप हैं, जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा प्रवासी मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है. इन मजदूरों (Migrant Workers) की बेबसी का आलम तो यह है कि न तो इनके पास खाने के पैसे हैं, न मकान का किराया देने के लिए पैसे बचे हैं और यातायात के साधन बंद होने की वजह से ये लोग चाहकर भी अपने घरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. बता दें कि देश में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से ही यूपी-बिहार के प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers From UP-Bihar) का पैदल पलायन लगातार जारी है.
हालांकि इन प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरु की गई हैं और बसों का इंतजाम भी किया गया है, बावजूद इसके रजिस्ट्रेशन न हो पाने की वजह से कई मजदूर अब भी पैदल अपने घरों की ओर जाने को मजबूर हैं.
राजधानी दिल्ली में काम करने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार के कई प्रवासी मजदूर नेशनल हाइवे 8 पर पैदल चलकर अपने घरों की ओर निकले, लेकिन जब वे गाजियाबाद पहुंचे तो वहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया. यूपी-बिहार के इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उनके पास भोजन या मकान का किराया देने के लिए पैसा नहीं बचा है. हमें किसी तरह घर पहुंचना होगा. हमारे लिए कोई ट्रेन या बस सेवा शुरू नहीं की गई है. यह भी पढ़ें: कोरोना लॉकडाउन: प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक कैसे बुक करें श्रमिक स्पेशल ट्रेन का टिकट या करवाए रजिस्ट्रेशन, जानें तरीका
देखें ट्वीट-
Many migrant workers from Delhi walking along NH9 towards different Dists.of UP & Bihar have been stopped by police in Ghaziabad. They say,"We don't have money left with us now for food or house rent.We need to get to home somehow. No train or bus service has been started for us" pic.twitter.com/5DJxF9h8Cl
— ANI UP (@ANINewsUP) May 10, 2020
गौरतलब है कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही लगातार मजदूरों का अपने घरों की ओर पलायन जारी है. अब तक काफी लोग पैदल चलकर, साइकिल और मोटरसाइकिल की मदद से अपने घरों तक पहुंच भी चुके हैं. हालांकि पैदल चलकर जा रहे कई मजदूरों को काफी परेशानियां भी झेलनी पड़ी और अलग-अलग हादसों में कई लोगों की जान भी जा चुकी है.
दरअसल, लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होते ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने श्रमिकों और छात्रों को उनके घरों तक जाने की अनुमति दे दी थी. इसके साथ ही श्रमिक स्पेशल ट्रेने भी चलाई जा रही हैं, ताकि अन्य राज्यों फंसे श्रमिक अपने घर पहुंच सकें, इन सबके बावजूद कई मजदूर पैदल चलकर ही अपने घर की ओर बढ़ रहे हैं.