Manoj Tiwari to visit Kashi Vishwanath: तीसरी बार जीत का परचम लहराने के बाद काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंचे मनोज तिवारी
Manoj Tiwari (Photo Credits: Facebook)

वाराणसी, 8 जून : उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से तीसरी बार जीत का परचम लहराने के बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी भगवान की भक्ति में लीन नजर आए. वो बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने वाराणसी पहुंचे. यहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और मीडिया से भी बात की.

उन्होंने कहा, ”भगवान की बड़ी कृपा है कि हम तीसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र में जीत का परचम लहराने में सफल हुए. नरेंद्र मोदी कल प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. अगले पांच वर्षों में भारत फिर से विकसित होने की दिशा में काम करेगा. यह बाबा की कृपा है. उनके बिना हम कुछ नहीं हैं. मैंने कल रात विंध्याचल दर्शन किया था और अब दिल्ली के लिए रवाना हो रहा हूं.“ यह भी पढ़ें : Maratha Reservation: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल ने फिर शुरू की भूख हड़ताल

इसके अलावा, उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन और बीजेपी की सीट में आई कमी पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ”समय के साथ हमारे सामने कई चीजें आई हैं, जिन पर समीक्षा करना जरूरी है. लेकिन तीसरी बार देश के लोगों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर इतिहास रच दिया है. 293 सीट एनडीए को मिली है, यह बाबा की बड़ी कृपा है, जिस पर मैं आभार प्रकट करता हूं.“

वहीं अयोध्या में बीजेपी की हार पर मनोज तिवारी ने कहा, “निश्चित तौर पर यह गंभीर विषय है और हमें इस पर समीक्षा करनी होगी. हमें यह पता करना होगा कि आखिर चूक कहां हुई? जहां पर चूक हुई है, हम उसे ठीक करेंगे और पता करेंगे कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? इसके अलावा, हमारी यह कोशिश रहेगी कि ऐसी परिस्थितियों की पुनरावृत्ति ना हो.“

एनडीए द्वारा कम सीटें लाए जाने की वजह से क्या नीतिगत फैसले लेने में दिक्कत होगी, इस पर मनोज तिवारी ने कहा, “कल आपने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का भाषण सुना होगा. इसके अलावा, आप एनडीए के अन्य नेताओं का भाषण सुनिए. कहीं कोई संकट नहीं है. सभी ने नरेंद्र मोदी को पूरी स्वतंत्रता दी है.“ इसके साथ ही मनोज तिवारी ने राहुल गांधी के संबंध में सवाल पूछे पर जाने पर कहा, “जो लोग झूठ पर विश्वास रखते हैं, वो लोग ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाते. इन लोगों के झूठ का भंडाफोड़ हो चुका है.“

बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी ने मनोज तिवारी को चुनावी मैदान में उतारा था, जबकि कांग्रेस ने कन्हैया कुमार पर दांव लगाया था. लेकिन कन्हैया को इस बार भी हार का मुंह देखना पड़ा. 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया को गिरिराज सिंह के विरोध में बेगूसराय सीट पर खड़ा किया गया था, लेकिन तब भी उन्हें हार का ही सामना करना पड़ा था.