Manipur Violence: विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसद करेंगे हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा, मोदी सरकार को घेरने की तैयारी जोरों पर
Opposition | Image: Twitter

नई दिल्ली: मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है. मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा जारी है. इस बीच अब विपक्षी गठबंधन INDIA के 26 राजनीतिक दलों की एक टीम हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करेगी. विपक्षी गठबंधन की टीम 29 और 30 जुलाई को हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी. इससे पहले राहुल गांधी मणिपुर का दौरा कर चुके हैं. मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है. मानसून सत्र में अभी तक एक भी दिन संसद की कार्यवाही बगैर स्थगन के नहीं चल सकी है. गुरुवार को भी दोनों सदन की कार्यवाही को सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच कई बार स्थगित करना पड़ा. Manipur Violence: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में भड़की हिंसा, थोरबुंग इलाके में हुई फायरिंग.

मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है. मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर मानसून सत्र में हंगामा जारी है. विपक्ष इस मुद्दे पर पीएम मोदी के सदन में बयान और विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है. सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष की शर्त के साथ नहीं. वहीं विपक्ष को दोनों सदनों में पीएम मोदी के बयान से कम कुछ मंजूर नहीं है.

विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान पर अड़ा है. ऐसे में संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है. इस बीच विपक्षी नेताओं के मणिपुर दौरे से सियासत और गर्मा सकती है. विपक्ष का कहना है कि पीएम मोदी मणिपुर पर सदन के बाहर तो बात करते हैं, लेकिन सदन के अंदर नहीं बोलते.

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया (INDIA) ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया जिसे स्पीकर की मंजूरी मिल चुकी है. अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि तय करेंगे.

अविश्वास प्रस्ताव पर बेफिक्र मोदी सरकार

मोदी सरकार बहुमत में है. ऐसे में यह निश्चित है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा. ऐसे में सवाल यह उठता है कि पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार होने के बावजूद विपक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव क्यों ला रहा है? दरअसल, विपक्षी पार्टियों का यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के मामले पर सदन में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं लेकिन जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, तब प्रधानमंत्री को इस पर सदन के अंदर जवाब देना होगा. इसलिए विपक्षी पार्टियां यह जानती हुए कि उनके पास आंकड़ा नहीं हैबावजूद इसके यह प्रस्ताव ला रही है.