Manipur Violence: कई जिलों में सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूहों में मुठभेड़, कई घायल
हिंसाग्रस्त मणिपुर में रविवार को कम से कम चार जिलों से सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूहों के बीच मुठभेड़ की कई घटनाओं की सूचना मिली, जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों ने ये जानकारी दी.
इंफाल, 28 मई: हिंसाग्रस्त मणिपुर में रविवार को कम से कम चार जिलों से सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूहों के बीच मुठभेड़ की कई घटनाओं की सूचना मिली, जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों ने ये जानकारी दी. इंफाल में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चुराचंदपुर, काकचिंग, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों से मुठभेड़ की सूचना मिली है. यह भी पढ़ें: Spitting In Food: रेस्टोरेंट के खाने में थूकने का VIDEO वायरल, गाजियाबाद में कर्मचारियों पर FIR दर्ज
इन मुठभेड़ों में मणिपुर पुलिस के कई कमांडो और अज्ञात सशस्त्र समूह के सदस्य घायल हो गए. घायल पुलिस कमांडो को तुरंत अस्पतालों में ले जाया गया है. सशस्त्र समूहों की पहचान तत्काल नहीं हो पाई है. इन घटनाओं के विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी अशांत जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और जिला प्रशासन ने इन जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि भी तीन घंटे कम कर दी है.
मणिपुर की राजधानी इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में पड़ता है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय गुरुवार से और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे शनिवार से संकटग्रस्त मणिपुर का दौरा कर रहे हैं. समाज संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें की जा रही हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी स्थिति का जायजा लेने और जातीय संकट को हल करने के लिए सोमवार को तीन दिनों के लिए मणिपुर का दौरा कर सकते हैं. उनके मेइतेई और कुकी समुदायों सहित सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से मिलने की संभावना है.
पूर्वी कमान के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी. कलिता ने जमीनी हकीकत का जायजा लेने के लिए 22 से 24 मई तक मणिपुर के कई संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले जिलों का दौरा किया. हिंसक घटनाओं के बीच मणिपुर सरकार ने शनिवार को अफवाहों और वीडियो, फोटो और संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को 31 मई तक बढ़ा दिया.
मणिपुर के ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा एसटी श्रेणी में मेइती समुदाय को शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए 3 मई को 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आह्वान के बाद पूर्वोत्तर राज्य में 10 से अधिक जिलों में व्यापक हिंसक झड़पें और हमले हुए जिसमें 70 लोगों की जान गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.