Malegaon Blast Case: जेल में मुझे इतना प्रताड़ित किया जाता था, जिसके लिए शब्‍द नहीं हैं; प्रज्ञा ठाकुर

महाराष्ट्र के मालेगांव ब्‍लास्‍ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत से 17 साल बाद बरी होने के बाद पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जेल में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझ पर इतना अत्‍याचार किया गया कि इसे शब्‍दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

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मुंबई, 2 जुलाई : महाराष्ट्र के मालेगांव ब्‍लास्‍ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत से 17 साल बाद बरी होने के बाद पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जेल में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझ पर इतना अत्‍याचार किया गया कि इसे शब्‍दों में बयां नहीं किया जा सकता है. पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एटीएस अधिकारियों ने मुझे 13 दिनों तक अवैध रूप से रखा. इस हिरासत के दौरान मुझे जितनी यातनाएं दी गईं, ऐसे अत्याचार किए गए जिसके लिए शब्द कम पड़ जाएंगे. शब्‍दों की भी अपनी मर्यादा होती है.

उन्होंने कहा, "मुझे नरेंद्र मोदी, योगी आदित्‍यनाथ, मोहन भागवत, सुदर्शन, इंद्रेश, रामजी माधव जैसे लोगों के नाम लेने के लिए मजबूर किया जाता था. वे कहते रहे कि इन लोगों के नाम लो तो हम तुम्हें नहीं मारेंगे. उनका मुख्य उद्देश्य मुझे प्रताड़ित करना था. मुझसे सब कुछ असत्‍य बोलने के लिए कहा जा रहा था. इसलिए मैंने किसी का नाम नहीं लिया. इन लोगों ने प्रताड़ित करके बहुत कुछ कहलवाना चाहा, लेकिन हम असत्‍य बोलेंगे नहीं. राष्ट्र को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. देशभक्‍त अपने देश के लिए जीता और मरता है. यह भी पढ़ें : Rahul Gandhi on Arun Jaitley: ‘कृषि कानून पर धमकाने के लिए भेजे गए थे अरुण जेटली’, राहुल गांधी ने लगाए आरोप

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि कई एटीएस अधिकारियों ने कानून के नाम पर गैर कानूनी काम किए हैं. जेल में मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि यह भगवा की जीत है, धर्म की जीत है और सनातन धर्म की जीत है. हालांकि इन लोगों में इतना दम नहीं कि पराजित कर सकें. इन लोगों ने प्रताड़ित कर भगवा और हिंदू धर्म को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया है. ऐसे लोगों को दंड दिलवाने का हम प्रयास करेंगे. यह पूरा केस गढ़ा गया था, इसका कोई आधार नहीं था. सत्‍य प्रकट और सिद्ध होता है, इस केस में भी ऐसा हुआ.

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