नागपुर, 7 दिसंबर : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गुट में शामिल होने पर कड़ी आपत्ति जताई. भाजपा के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम अजित पवार को एक पत्र लिखकर नवाब मलिक के शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी (एपी) के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में प्रवेश पर आपत्ति जताई. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मलिक जिस तरह के 'देशद्रोह' के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए उन्हें महायुति गठबंधन में शामिल करना उचित नहीं होगा. हालांकि, एक विधायक के तौर पर विधानसभा में आना मलिक का अधिकार है और उन्होंने गुरुवार को कार्यवाही में हिस्सा भी लिया.
इस मुद्दे पर अपनी आपत्तियों पर, देवेंद्र फडणवीस ने शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया कि उनके मन में मलिक के खिलाफ कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या द्वेष नहीं है. सत्ता आती है और जाती है, लेकिन सत्ता से बड़ा देश ह देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि फरवरी 2022 से अगस्त 2023 के बीच 18 महीने जेल में बिताने वाले मलिक को वर्तमान में केवल मेडिकल जमानत पर रिहा किया गया है. जब तक उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हो जाते, तब तक उनका स्वागत किया जाना चाहिए. हालांकि, जिस तरह के आरोप उन पर लग रहे हैं, उसे देखते हुए उन्हें महायुति का हिस्सा बनाना उचित नहीं होगा, यह हमारी स्पष्ट राय है. हालांकि, यह तय करना अजित पवार का पूरा विशेषाधिकार है कि उन्हें अपनी पार्टी में किसे लेना चाहिए किसे नहीं लेना चाहिए. यह भी पढ़ें : Saudi F-15 Fighter Plane Crashes: प्रशिक्षण के दौरान सऊदी एफ-15 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, चालक दल के दो सदस्यों की मौत
अपने विरोध को उचित ठहराते हुए, देवेंद्र फडणवीस ने आग्रह किया कि यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए कि मलिक के प्रवेश से महायुति गठबंधन में समस्या न हो और सभी सहयोगियों को इसे ध्यान में रखना चाहिए. देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ''मलिक को 'देशद्रोह' के आरोप में गिरफ्तार किया गया और 18 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया, लेकिन उन्हें पूर्व सीएम ने कैबिनेट में रखा और बीजेपी उस फैसले का समर्थन नहीं कर सकी. देवेंद्र फडणवीस ने उम्मीद जताते हुए हस्ताक्षर किए कि अजित पवार इस संबंध में भाजपा की भावनाओं पर ध्यान देंगे. इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा में देवेंद्र फडणवीस ने मलिक को मंत्री बनाए रखने के लिए एमवीए पर कटाक्ष किया था. हालांकि, मलिक को आतंकवादी संबंधों के आरोप में सलाखों के पीछे डाल दिया गया था.
उन्होंने आगे कहा, "आतंकवादियों के साथ संबंधों के आरोप में जेल जाने के बाद हमने मलिक के इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन ठाकरे सरकार ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की. पहले आप उसका जवाब दें, फिर हमसे पूछें... अब आपको हमसे सवाल करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.'' लगभग दो साल की अनुपस्थिति के बाद विधायिका में लौटते हुए, मलिक ने नागपुर में उस समय हलचल मचा दी जब वह पहले एनसीपी-एपी के एक वरिष्ठ नेता के कार्यालय में गए और बाद में सत्ता पक्ष की आखिरी पंक्ति में बैठकर सदन में चले गए. इससे विधानसभा के बाहर और अंदर हंगामा शुरू हो गया और एमवीए ने भाजपा पर निशाना साधा. कांग्रेस के राज्य महासचिव सचिन सावंत ने मुंबई में कहा, ''जिस मलिक को भाजपा और सीएम ने 'गद्दार' कहा था, जिसकी मैंने निंदा की थी, अब भाजपा की राय क्या है? भाजपा ने महाराष्ट्र की समृद्ध और आदर्श राजनीतिक परंपराओं को नष्ट करने का काम किया है. भाजपा की ये राजनीति भयानक है.'' एनसीपी-एसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा, ''नवाब सर, आपने हमेशा मुझे अन्याय और गलत के खिलाफ लड़ना सिखाया. टीवी पर बहस करते समय आपने मुझे विरोधियों के खिलाफ समझदारी से बोलना सिखाया. मैं हमेशा आपकी शिक्षाओं का पालन करूंगा और उन्हीं विरोधियों से लड़ूंगा.'' हालांकि, अजित पवार और उनकी पार्टी के नेताओं ने गुरुवार देर शाम तक इन अप्रत्याशित राजनीतिक मोड़ पर कोई टिप्पणी नहीं की थी.