महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख बोले, जरूरत पड़ी तो फिर होगी CBI जज लोया केस की जांच

महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार सीबीआई (CBI) के जज बीएच लोया (Judge Loya Case) के मर्डर केस की जांच फिर से करवा सकती है. पत्रकारों से चर्चा के दौरान गृह मंत्री अनिल देशमुख (Home Minister Anil Deshmukh) ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले जांच दोबारा कराई जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस मामले जुड़े लोगों से मिलूंगा और उनकी बातों को सुनूंगा. अगर उनकी बातों में कुछ नजर आया तो आगे का फैसला लिया जाएगा. बता दें कि जज लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई थी, जिसकी वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया था. उनकी मौत के बाद कई सवाल उठने लगे थे. जस्टिस लोया गुजरात के हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई कर रहे थे. सोहराबुद्दीन कथित फर्जी मुठभेड़ मामले, जिसमें बीजेपी प्रमुख अमित शाह और कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरोपी थे.

गृह मंत्री अनिल देशमुख ( फोटो क्रेडिट- ANI)

मुंबई:- महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार सीबीआई (CBI) के जज बीएच लोया (Judge Loya Case) के संदिग्ध मौत के केस की जांच फिर से करवा सकती है. पत्रकारों से चर्चा के दौरान गृह मंत्री अनिल देशमुख (Home Minister Anil Deshmukh) ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले जांच दोबारा कराई जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस मामले जुड़े लोगों से मिलूंगा और उनकी बातों को सुनूंगा. अगर उनकी बातों में कुछ नजर आया तो आगे का फैसला लिया जाएगा. बता दें कि जज लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई थी, जिसकी वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया था. उनकी मौत के बाद कई सवाल उठने लगे थे. जस्टिस लोया गुजरात के हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई कर रहे थे. सोहराबुद्दीन कथित फर्जी मुठभेड़ मामले, जिसमें बीजेपी प्रमुख अमित शाह और कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरोपी थे.

जज लोया बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई कर रहे थे. जिसमें गुजरात के आतंकवाद-रोधी दल (ATS) ने 26 नवंबर, 2005 को सोहराबुद्दीन को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था. वहीं, कौसर बी जो अपने पति सोहराबुद्दीन के अपहरण की गवाह थी, उसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा तुलसीराम प्रजापति जो प्रमुख गवाह थे उनकी भी हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद इस केस की सुनवाई शुरू हुई और बाद में उसे सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में ट्रायल के लिए ट्रांसफर कर दिया था. पहले तो यह पूरा मामला जज उत्पत की अदालत में आया था. लेकिन उनका तबादला हो गया. जिसके बाद यह केस जस्टिस बृजगोपाल हरकिशन लोया के की अदालत में आया था. यह भी पढ़ें:- मुंबई पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी एजाज लकड़ावाला पटना से गिरफ्तार.

बता दें कि इस मामले कि सुनवाई कर रहे जज एच.एस. लोया की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी. जज लोया की मौत के सच से पर्दा उठाने के लिए दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जांच की जरूरत नहीं है. इसके बाद जस्टिस लोया की मौत पर कई सवाल उठे. वहीं महाराष्ट्र सरकार के इस बयान ने एक बार मामले को हवा दे दी है.

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