महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे की अगुवाई में नई सरकार की राह नहीं आसान, कई बड़ी चुनौतियों का करना होगा सामना

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम के तौर पर शपथ ले ली है, ऐसा पहली बार हुआ जब ठाकरे परिवार से कोई सीएम बना हो. इसी के साथ अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने कई अहम चुनौतियां भी हैं. जिसे वो कैसे पार करते हैं उसपर सभी नजरें हैं. जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगा कि ठाकरे सरकार कैसे आर्थिक मोर्चे पर मिलने वाली चुनौतियों से राज्य को उबारेगी. क्योंकि महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति फिलहाल खस्ता है. दरअसल जब साल 2014 ने बीजेपी की सरकार महाराष्ट्र में बनी थी तो उस समय राज्य पर कुल 1.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था. लेकिन यही कर्ज साल 2019 में (जून तक) बढ़कर बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है. जिसका राज्य को 40 हजार करोड़ हर साल ब्याज चुकाना होता है. इसी के साथ महाराष्ट्र देश का दूसरा नंबर का कर्जदार राज्य बन गया है.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Photo Credits: PTI)

मुंबई:- उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सीएम के तौर पर शपथ ले ली है, ऐसा पहली बार हुआ जब ठाकरे परिवार से कोई सीएम बना हो. इसी के साथ अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने कई अहम चुनौतियां भी हैं. जिसे वो कैसे पार करते हैं उसपर सभी की नजरें हैं. जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगा कि ठाकरे सरकार कैसे आर्थिक मोर्चे पर मिलने वाली चुनौतियों से राज्य को उबारेगी. क्योंकि महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति फिलहाल खस्ता है. दरअसल जब साल 2014 ने बीजेपी की सरकार महाराष्ट्र में बनी थी तो उस समय राज्य पर कुल 1.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था. लेकिन यही कर्ज साल 2019 में (जून तक) बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है. जिसका राज्य को 40 हजार करोड़ हर साल ब्याज चुकाना होता है. इसी के साथ महाराष्ट्र देश का दूसरा नंबर का कर्जदार राज्य बन गया है.

इसी के साथ उद्धव ठाकरे की सरकार के सामने किसानों के आत्महत्या का मसला भी सिर उठाए खड़ा है. वैसे तो किसानों के ठाकरे सरकार ने ऐलान किया है कि कुछ दिनों के भीतर वे बड़ी राहत देगी. महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना) ने न्यूनतम साझा करते हुए कहा है कि किसानों के लिए नई फसल बीमा योजना लाएगी, साथ ही किसानों को तुरंत राहत देने का काम किया जाएगा. सूखा पीड़ित किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. बता दें कि बारिश न होने और बेमौसम अधिक बारिश के कारण किसानों के फसल बर्बाद गए हैं. NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में 11,379 किसानों ने आत्महत्या की. वहीं साल 2015 में 12,602 किसानों ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली.

यही नहीं महाराष्ट्र में बेरोजगारी भी एक बड़ा मसला है और उससे कैसे ठाकरे सरकार हल करेगी. क्योंकि एनएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में हर 50वां लड़का बेरोजगार है. ऐसे में युवाओं के जॉब की व्यवस्था करना भी एक बड़ा चैलेंज होगा. यह भी पढ़ें:- बीजेपी का महाराष्ट्र की नई सरकार पर हमला, सीएम बनते ही उद्धव ठाकरे को बताया ‘गोडसे भक्त’

बता दें कि बीते 30 सालों के अपने हिंदुत्व समर्थक एजेंडे से हटकर शिवसेना ने एक धर्मनिरपेक्ष, सर्वसमावेशी' साझा न्यूनतम कार्यक्रम की घोषणा की है. शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठजोड़ कर महा विकास अघाड़ी की सरकार बनाई है. जिसमें मुख्य रूप से किसानों, बेरोजगारी की समस्या, शहरी सड़क व आवास, लड़कियों व महिलाओं के मुद्दों पर केंद्रित है. इसके अलावा उद्योग, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय व ऐसे क्षेत्रों पर भी केंद्रित है, जिससे राज्य व इसके लोगों को समग्र रूप से फायदा मिल सके. वहीं कयास लगाया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे सूबे को कर्ज से उबारने और किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार से बड़े पैकेज की मांग कर सकते हैं.

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