पालघर (महाराष्ट्र), 12 सितंबर महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में एक गर्भवती आदिवासी महिला को अच्छी सड़क नहीं होने के कारण ‘ढोली’ (बांस या लकड़ी के दोनों छोर पर कपड़े को बांध कर बनाया गया स्ट्रेचर) में अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने घने जंगल में एक बच्चे को जन्म दिया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. यह भी पढ़ें: गया पितृपक्ष मेले में जा रही बस ने ट्रेलर को मारी टक्कर, 3 की मौत
एक चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जवाहर तालुका के ईना गांव की 21 वर्षीय महिला को शनिवार-रविवार की रात को प्रसव पीड़ा हुई. चूंकि निकटतम अस्पताल पहुंचने के लिए सड़क संपर्क नहीं है, तो ग्रामीण उसे तड़के लगभग तीन बजे एक ‘ढोली’ में घने जंगल से ले गए और पांच किलोमीटर की दूरी तय की. सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुए वीडियो में कुछ लोग जंगल के रास्ते महिला को ले जाते हुए दिख रहे हैं.
चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि महिला ने बीच रास्ते में ही जंगल में एक बच्ची को जन्म दिया। रविवार तड़के मां और बच्चे को जवाहर पतंगशाह उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ रामदास मराड ने कहा कि दोनों अब ठीक हैं. गांव दूरस्थ क्षेत्र में स्थित है और वहां उचित सड़क संपर्क नहीं है.
पिछले महीने भी एक ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें 26 वर्षीय गर्भवती आदिवासी महिला को भारी बारिश के बीच यहां मोखदा तालुका के एक गांव से अस्थायी स्ट्रेचर में ले जाया गया था, सड़क नहीं होने के कारण अस्पताल पहुंचने में देरी हुई जिससे उसके जुड़वां बच्चों की मौत हो गई.
पालघर जिला परिषद की अध्यक्ष वैदेही वधान ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि दूरदराज के इलाकों के गांवों में उचित सड़क संपर्क नहीं है. उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस संबंध में कदम उठाने और आगे ऐसी घटनाएं न हो इसके पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.
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