Maha Kumbh 2025: आस्था की डुबकी लगाने महाकुंभ में पहुंचेंगी एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी, दुनिया की सबसे रईस महिलाओं में से एक हैं लॉरेन पावेल
लॉरेन पावेल और महाकुंभ 2025 (Photo Credits: Wikimedia commons)

Maha Kumbh Mela 2025: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में 12 साल बाद महाकुंभ (Maha Kumbh) का आयोजन होने जा रहा है, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 से हो रही है. महाकुंभ दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र बनने के साथ ही पूरे विश्व में आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति का संदेश फैलाने का माध्यम भी बन गया है. यही वजह है कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से कई प्रभावशाली लोग भी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाने के लिए प्रयागराज आ रहे हैं. इन प्रभावशाली हस्तियों में इन दिनों दुनिया की सबसे रईस महिलाओं में शामिल लॉरेन पावेल जॉब्स (Laurene Powell) खासा सुर्खियों में हैं. बताया जा रहा है कि एप्पल (Apple) के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) की पत्नी लॉरेन पावेल आध्यात्मिकता की खोज में महाकुंभ आ रही हैं, जहां वो श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में करीब 10 दिनों तक रुकेंगी.

लॉरेन पावेल मकर संक्रांति पर लगाएंगी आस्था की डुबकी

रिपोर्ट्स की मानें तो स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में शुमार लॉरेन पावेल जॉब्स मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगी. मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाला यह शाही स्नान महाकुंभ के मुख्य आकर्षणों में से एक है, जो आध्यात्मिक शुद्धिकरण का प्रतीक है. यह भी पढ़ें: Maha Kumbh Mela 2025: क्या आप भी महाकुम्भ मेला का साक्षी बनने जा रहे हैं? त्रिवेणी तट पर जाने से पूर्व इन बातों का अवश्य ध्यान रखें!

योग, ध्यान और आध्यात्मिक चर्चाओं में होंगी शामिल 

इसके साथ ही कहा जा रहा है कि स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में पावेल योग, ध्यान और आध्यात्मिक चर्चाओं में भी हिस्सा लेंगी. आचार्य महामंडलेश्वर के मुताबिक, लॉरेन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से खासा प्रभावित हैं, इसलिए वो महाकुंभ के जरिए करीब से इसका अनुभव प्राप्त करना चाहती हैं. महाकुंभ में उनकी उपस्थिति महाकुंभ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिला सकती है.

बता दें कि महाकुंभ के आयोजनों में लाखों विदेशी सैलानी भारत आकर न सिर्फ आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करते हैं, बल्कि वे भारतीय परंपरा और संस्कृति से रूबरू भी होते हैं. ऐसे में लॉरेन पावेल जॉब्स जैसी शख्सियत का महाकुंभ में शामिल होना इस आयोजन की वैश्विक अपील को काफी मजबूती प्रदान कर सकता है. यह भी पढ़ें: Mahakumbh 2025 Video: प्रयागराज में नागा साधू प्रमोद गिरी महाराज ने 61 घड़ो से स्नान कर किया 'हठ योग', सुबह 4 बजे हाड़ कंपाने वाली ठंड में करते है अनुष्ठान

गौरतलब है कि लॉरेन के पति और एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स को बचपन से ही आध्यात्म में गहरी रुचि थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बाबा नीम करौली में उनकी काफी गहरी आस्था थी और वो उन्हें अपना गुरु मानते थे. सन 1970 के दशक में स्टीव जॉब्स करीब 7 महीने के लिए आध्यात्मिक एकांतवास के लिए भारत आए थे और वो नैनीताल स्थित कैंची धाम भी गए थे.