मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में मछली पकड़ने वाली नाव को टक्कर मारने वाले विदेशी जहाज को जब्त रखने का दिया आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय ने पनामा के झंडे वाले मालवाहक जहाज 'एमवी नेवियोस वेन्यू' को तीन सप्ताह तक जब्त करके रखने का आदेश दिया है, जो मुंबई बंदरगाह पर खड़ा है.

मद्रास हाईकोर्ट (Photo Credits: Wikimedia Commons)

चेन्नई, 31 अक्टूबर: मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने पनामा के झंडे वाले मालवाहक जहाज 'एमवी नेवियोस वेन्यू' को तीन सप्ताह तक जब्त करके रखने का आदेश दिया है, जो मुंबई बंदरगाह पर खड़ा है. उच्च न्यायालय ने 22 अक्टूबर को कन्याकुमारी जिले के कोलाचल बंदरगाह से 19 समुद्री मील दूर मालवाहक जहाज की चपेट में आने वाली पी. राजमणि की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. यह भी पढ़े:तमिलनाडु सरकार का बड़ा फैसला, कोविड-19 लॉकडाउन 15 नवंबर तक बढ़ा

राजामणि के स्वामित्व वाली मछली पकड़ने वाली नाव, 'शिज मोन -1' में 17 चालक दल के सदस्य थे, जो मालवाहक जहाज की चपेट में आने से बुरी तरह घायल हो गए थे. टक्कर में मछली पकड़ने वाली नाव पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. दो मछुआरे, (जो गंभीर रूप से घायल थे) को भारतीय तटरक्षक गश्ती पोत द्वारा बचाया गया और तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जबकि बाकी 15 मछली पकड़ने वाली अन्य नौकाओं के समर्थन से तट तक पहुंचने में सफल रहे, जो समुद्र में आसन्न परिसर में मछली पकड़ रहे थे.

याचिकाकर्ता, राजमणि ने अदालत से अपील की कि जहाज पनामा के झंडे के साथ चलता है और "अगर इसे हमारे क्षेत्रीय जल से आगे जाने की अनुमति दी जाती है, तो घायल मछुआरों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा."उन्होंने अदालत से भारतीय क्षेत्र में जहाज को रोकने के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति ने भारतीय तटरक्षक, नौवहन महानिदेशालय और मुंबई बंदरगाह को पनामा पोत, 'एमवी नेवियोस वेन्यू' को मुंबई बंदरगाह में ही तीन सप्ताह तक रोके रखने का निर्देश दिया.

अदालत ने आधिकारिक प्रतिवादियों और जहाज को नोटिस देने का आदेश दिया और मामले को 26 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया. तमिलनाडु की कोस्टल मरीन पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 280 (एक जहाज के तेज नेविगेशन) और 337 (किसी के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया था. नाव के चालक की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया था.

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