जानें कौन हैं मादी शर्मा जिनके प्रयासों से कश्मीर दौरे पर आए EU के सांसद
यूरोपीय यूनियन के 23 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू और कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर है. इस बीच, रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि ईयू सांसदों का यह दौरा मादी शर्मा द्वारा संचालित एक एनजीओ की तरफ से आयोजित किया गया था.
यूरोपीय यूनियन (European Union) के 23 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के दो दिवसीय दौरे पर है. इस बीच, रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि ईयू सांसदों का यह दौरा मादी शर्मा (Madi Sharma) द्वारा संचालित एक एनजीओ (NGO) की तरफ से आयोजित किया गया था. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मादी शर्मा का एनजीओ विमेन्स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (WESTT) अनुच्छेद 370 के हटने के बाद यूरोपीय संघ के सांसदों के जम्मू और कश्मीर के दौरे और जमीनी हालात का आकलन करने में सहायक था.
मादी शर्मा ट्विटर पर खुद को 'सोशल कैप्टलिस्ट: इंटरनेशनल बिजनेस ब्रोकर, एजुकेशनल एंटरप्रेन्योर और स्पीकर' बताती हैं. वहीं, सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले यूजर्स ने यूरोपीय संघ के सांसदों के जम्मू कश्मीर दौरे और मादी शर्मा के बारे में और अधिक जानकारी खोज निकाली है. यह भी पढ़ें- कश्मीर: EU सांसदों का भी पाक को झटका, कहा-370 भारत का आतंरिक मसला, घाटी की अवाम शांति और विकास चाहती हैं.
एक लीडिंग जर्नलिस्ट के ट्विटर थ्रेड के मुताबिक, मादी शर्मा ने यूरोपीय संघ के सांसदों को ईमेल के जरिए इनवाइट भेजा जहां उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि दिल्ली की एक थिंक टैंक (इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नन-एलाइंड स्टडीज) इस दौरे खर्च उठाएगी. यहां पता चलता है कि मादी शर्मा ने किसकी ओर से यूरोपीय संघ के सांसदों को आमंत्रित किया और इस मुद्दे पर उनकी अधिस्थिति (Locus Standi) क्या है.
मादी शर्मा कौन हैं? यहां देखें सोशल मीडिया ने क्या पता लगाया:
मादी शर्मा यूरोपीय इकोनॉमिक एंड सोशल कमिटी (EESC) की एक सदस्य हैं. ईईएससी यूरोपीय यूनियन का एक सलाहकार निकाय है. ईईएससी के वेबसाइट पर मादी शर्मा के प्रोफाइल में उन्हें 'वह नॉटिंघम के लिए एक बिजनेस एम्बेसडर हैं और ईस्ट मिडलैंड्स के लिए एक बिजनेस चैंपियन' बताया गया है.