Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में 15 नवंबर को मनाया जाएगा जनजातीय गौरव दिवस
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में 15 नवम्बर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन शासकीय अवकाश रहेगा और पूरे प्रदेश में जनजातीय संस्कृति, परम्परा और जीवन मूल्यों, रोजगार और अर्थ-व्यवस्था के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण में राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विश्व आदिवासी दिवस के आयोजन को लेकर मची सियासी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने ऐलान किया है कि राज्य में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा और इस दिन शासकीय अवकाश भी रहेगा. मुख्यमंत्री चौहान ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि नौ अगस्त विश्व मूल निवासी दिवस है. इस दिन ऐच्छिक अवकाश की व्यवस्था है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) द्वारा जनजातीय मंत्रालय की स्थापना की गई थी. राज्य सरकार जनजातीय कल्याण की दिशा में निरंतर सक्रिय है. Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया ने दिलाई 2 बालिकाओं को आर्थिक मदद
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में 15 नवम्बर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन शासकीय अवकाश रहेगा और पूरे प्रदेश में जनजातीय संस्कृति, परम्परा और जीवन मूल्यों, रोजगार और अर्थ-व्यवस्था के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण में राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
जनजातीय महापुरुषों की याद में प्रदेष में किए गए कार्यों का ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री चैहान ने कहा, प्रदेश में जनजातीय नायकों रानी दुर्गावती, टंट्या भील, भीमा नायक, शंकर शाह, रघुनाथ शाह की समाधि स्थलों पर स्मारकों का निर्माण कराया गया. गांव-गांव में आश्रम शालाएं, छात्रावास आरंभ किए गए. निजी मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्ययनरत जनजातीय विद्यार्थियों की फीस की पूर्ति राज्य सरकार द्वारा करने की व्यवस्था की गई. जनजातीय विद्यार्थियों के विदेशों में अध्ययन के लिए भी व्यवस्था की गई है. राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वनोपज खरीदना आरंभ किया गया है. साथ ही लाखों लोगों को वनाधिकार पट्टे भी प्रदान किए गए हैं.
ज्ञात हेा कि विष्व आदिवासी दिवस पर कांग्रेस लगातार सामान्य अवकाश घोषित करने की मांग करती आ रही है. इसी मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का दल राज्यपाल से भी रविवार को मिला था. राज्य में इस दिन पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया था, मगर कांग्रेस की मांग सामान्य अवकाश के घोषणा की थी.