मध्यप्रदेश: आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों का खाना बनाने के लिए नहीं थी जगह तो शौचालय को ही बना दिया रसोई
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा विकासखंड में है सिलानगर पोखर में एक आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों का खाना बनाने के लिए रसोई का स्थान नहीं होने पर नया तरीका खोज निकाला गया और शौचालय को ही रसोई में बदल दिया गया. बच्चों के लिए इसी शौचालय में नियमित तौर पर भोजन बनता है और बच्चों को परोसा जाता है.
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में शौचालयों का दूसरा उपयोग भी हो रहा है. यह बात आपके मन में सवाल खड़ा कर सकती है, मगर हकीकत यही है. यहां नया मामला आया है शौचालय (Toilet) का रसोई (Kitchen) के तौर पर उपयोग किए जाने का. शिवपुरी (Shivpuri) जिले के करैरा विकासखंड में है सिलानगर पोखर में एक आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों का खाना बनाने के लिए रसोई का स्थान नहीं होने पर नया तरीका खोज निकाला गया और शौचालय को ही रसोई में बदल दिया गया. बच्चों के लिए इसी शौचालय में नियमित तौर पर भोजन बनता है और बच्चों को परोसा जाता है. आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता राजकुमारी योगी ने आईएएनएस से कहा कि यह बात सही है कि यहां पर शौचालय के एक हिस्से में खाना बनता है, क्योंकि उनके पास खाना बनाने के लिए अलग से कोई स्थान ही नहीं है.
उनका कहना है कि वे समूह से कई बार कह चुकी हैं कि खाना बनाने के लिए अन्य जगह उपलब्ध कराएं. मगर ऐसा नहीं हो पाया. मजबूरी में उन्हें शौचालय भवन का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए करना पड़ रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी प्रियंका बुनकर ने भी शौचालय में खाना बनने की बात स्वीकार की और कहा कि जो शौचालय बना है वह आधा-अधूरा है और वहां पर पानी की कमी के चलते उसका उपयोग शौचालय के रूप में नहीं हुआ है. यह भी पढ़ें- मध्यप्रदेश के इस गांव में मुफ्त में मिलता है दूध
इससे पहले, शिवपुरी जिले के बदरवास में भी दो मामले ऐसे सामने आए थे, जब वहां पर कुछ लोगों के घरों पर बनाए गए शौचालयों में किराने की दुकान और रसोई बना ली गई थी. राज्य के कई अन्य हिस्सों में भी शौचालय का उपयोग अन्य कायरें के लिए उपयोग में लाए जाने के मामले सामने आ चुके हैं, मगर यह पहला ऐसा मामला है जब आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए रसोई के तौर पर शौचालय का उपयोग किया जा रहा है.