Madhya Pradesh : बारिश और ओलावृष्टि का गेहूं की फसल पर पड़ा असर, कम दाम पर हो रही खरीदी - कांग्रेस विधायक
मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि का गेहूं की फसल पर असर पड़ा है, किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कम चमक वाला गेहूं भी निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदने का वादा किया था
भोपाल, 9 अप्रैल: मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि का गेहूं की फसल पर असर पड़ा है, किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कम चमक वाला गेहूं भी निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदने का वादा किया था, मगर कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी का आरोप है कि सरकार किसानों से धोखा कर रही है और फॉर्म भरवाकर कम दर पर गेहूं की खरीदी की जा रही है. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने संवादादाता सम्मेलन में आरोप लगाया है कि सरकार नए-नए तरीके निकालकर किसानों को परेशान कर रही है, उनकी मेहनत पर पानी फेरा जा रहा है. किसानों से खरीदी करने वाली समितियों का रुख असहयोगात्मक है, बैंक किसान को बैंक खाते को आधार से लिंक करवाने की बात कहता है. कुल मिलाकर किसान को प्रताड़ित किया जा रहा है, परिणामस्वरूप किसान अपने गेहूं को सस्ती दर पर बेचने को मजबूर हो रहा है. यह भी पढ़ें: Madhya Pradesh : ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने पर 20 श्रद्धालु नर्मदा नदी में फंसे
चौधरी का आरोप है कि किसानों से एक फॉर्म भरवाया जा रहा है, जिसमें इस बात का साफ उल्लेख है कि गेहूूं में नमी होने के कारण कम मूल्य पर खरीदा जा रहा है. एक तरफ सरकार नमी वाला गेहूूं समर्थन मूल्य पर खरीदने का दावा कर रही है, वहीं इस तरह किसानों को ठगा जा रहा है. इतना ही नहीं, किसानों को सात दिन बाद भी भुगतान नहीं किया गया है.
विधायक का आरोप है कि सोसायटियां अब किसानों के लिए नहीं, उद्योगपतियांे और व्यापारियों के लिए काम करती हैं. उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार केवल और केवल चंद उद्योगपतियों, व्यापारियों और बीमा कंपनियों के लिए काम कर रही हैं. सोयाटियों मंे सड़े हुए चावल बांटे जा रहे हैं, किसानों की आय कम की जा रही है."
चौधरी ने कहा, सर्वेयरों द्वारा फसल को गीला बताकर वापस किया जा रहा है, जिस कारण किसान को मंडियों में अपनी फसल ओने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है. सरकार ने आदेश जारी किया कि किसान की कोई भी फसल मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे नहीं बिकेगी, पर सभी मडियांे में समर्थन मूल्य से नीचे फसल बिक रही है और सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.