होशंगाबाद: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के होशंगाबाद (Hoshangabad) जिले में तेज आंधी के बीच फसल (Crops) में लगी आग ने शुक्रवार देर रात विकराल रूप धारण कर लिया. लगभग 700 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल जलकर खाक हो गई. इस अग्निकांड में तीन लोगों की मौत हो गई, और 17 अन्य लोग घायल हो गए. होशंगाबाद के जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि शुक्रवार रात फसल में आग लग गई. तेज हवा के कारण आग ने कुछ ही देर में कई गांव के खेतों को अपनी चपेट में ले लिया. हालांकि आग बुझाने के लिए विभिन्न स्थानों से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गईं और शनिवार की सुबह तक आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया.
सिंह के अनुसार, इस अग्निकांड में तीन लोगों की मौत हुई है, जो पांजरा गांव के निवासी हैं. इसके अलावा 17 लोग झुलस कर जख्मी हो गए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. वहीं इस अग्निकांड से लगभग 700 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल जलकर राख हो गई है.
सूत्रों ने बताया कि नरवाई (खाली खेत के कचरे) की आग शुक्रवार रात तेज आंधी के कारण आसपास के खेतों तक फैल गई. धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और दो दर्जन गांवों के खेत इसकी चपेट में आ गए. खेतों में काटकर रखी गई फसल, खड़ी फसल और उपकरण सहित वाहन धू-धूकर जलने लगे. आग बुझाने के लिए इटारसी की ऑर्डिनेंस फैक्टरी सहित अन्य स्थानों से दमकल गाड़ियां बुलाई गईं, तब कहीं जाकर लगभग 12 घंटे की मशक्कत बाद आग पर काबू पाया जा सका. यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: मध्यप्रदेश में डेढ़ दशक बाद सत्ता में आई कांग्रेस, जानें कमलनाथ सरकार के '100 दिन' रहे कितने असरदार
कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया. पचौरी ने कहा कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उसकी भरपाई मुआवजा आदि से तो नहीं की जा सकती है, मगर सरकार के प्रावधानों के अनुसार, मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी और झुलसे लोगों का नि:शुल्क इलाज होगा.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों का हाल जाना. चौहान ने कहा, जब मैं मुख्यमंत्री था तब ऐसी किसी घटना के बाद तुरंत आदेश जारी करता था, पीड़ितों को मदद व ऋण की व्यवस्था की जाती थी. सत्ता में नहीं हूं, फिर भी मुख्यमंत्री से चर्चा कर राहत की मांग करूंगा.