मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: शिवराज सिंह चौहान ने किया चुनावी शंखनाद, गांव में पूजा के बाद बुधनी से भरा नामांकन
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नामांकन से पहले नर्मदा नदी का दर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियों और कांग्रेस की कमियों को जमकर गिनाया. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से उनके गृह जिले सीहोर की बुधनी सीट से मैदान में उतार रहे हैं.
भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही अभी थोड़ा वक्त हो. लेकिन चुनाव के मद्देनजर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं. जुबानी जंग और कमियां गिनाने के दौर अपने चरम पर पहुंच गया है. वहीं इस दौरान पार्टी के अंदर पलायन का दौर भी जारी है. इसी घमसान के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी विधानसभा सीट के लिए धनतेरस के शुभ मुहूर्त पर अपना नामांकन दाखिल किया.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नामांकन से पहले नर्मदा नदी का दर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियों और कांग्रेस की कमियों को जमकर गिनाया. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से उनके गृह जिले सीहोर की बुधनी सीट से मैदान में उतार रहे हैं. लेकिन बीजेपी के लिए यह राह इतना आसान नहीं होने वाला है. बीजेपी की पहली सूची में 176 उम्मीदवारों के नाम आए तो कई हिस्सों में बगावत का बिगुल बज उठा. अब कई दिग्गजों को अगली सूची का इंतजार है.
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान का सियासी करियर
बुधनी से साल 1990 में शिवराज चौहान सबसे पहले विधायक चुने गए थे. लेकिन 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी के विदिशा लोकसभा सीट छोड़ दिया. जिसके बाद वहां से शिवराज चौहान उपचुनाव में जीतकर सांसद बने थे. उसले बाद शिवराज सिंह चौहान साल 1996, 1998, 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव विदिशा से लगातार जीतते रहे.
लेकिन उनके राजनीतिक करियर में उस वक्त बड़ा बदलाव आया जब उन्हें साल 2005 बाबूलाल गौर को हटाकर शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री के कुर्सी पर बिठाया गया. जिसके बाद से उनकी शाख और मजबूती का लोहा पूरी दुनिया मान गई. बुधनी सीट पर चौहान ने लगातार 2008 और 2013 तक कब्जा बरकरार रखा. लेकिन एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान उसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.