
Madhuri Gupta Spy Case: पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हुई हरियाणा की व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा उर्फ ज्योति रानी की कहानी ने एक बार फिर 2010 का वो कांड ताजा कर दिया है, जब एक सीनियर भारतीय राजनयिक ने देश से गद्दारी की थी. जी हां, हम बात कर रहे हैं माधुरी गुप्ता की, जो अपने समय में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में तैनात थीं. माधुरी गुप्ता उर्दू भाषा में माहिर थीं और सूफी शायरी की शौकीन थीं. उनकी जिंदगी एक बॉलीवुड फिल्म की तरह बदली. इस्लामाबाद में तैनाती के दौरान उनकी मुलाकात एक रहस्यमयी और उनसे उम्र में काफी छोटे पाकिस्तानी युवक 'जिम' से हुई.
वो युवक दिखने में हैंडसम, बातों में माहिर और बेहद चालाक था. माधुरी उसके प्यार में पूरी तरह डूब गईं. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि जिम एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट है.
‘हनी ट्रैप’ मामले का ऐसे हुआ खुलासा
ये एक क्लासिक ‘हनी ट्रैप’ का मामला था. प्यार का जाल बिछाया गया और उसमें माधुरी गुप्ता फंस गईं. दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि उन्होंने भारत की कई खुफिया जानकारियां जिम को दे दीं. उन पर आरोप लगा कि उन्होंने भारतीय खुफिया अधिकारियों की पहचान तक उजागर कर दी, जिससे भारत की पूरी एजेंसी का नेटवर्क खतरे में पड़ गया.
जब भारतीय एजेंसियों को शक हुआ, तो उन्होंने गुप्ता को झूठी जानकारी दी और जब वो जानकारी लीक हो गई, तो मामला साफ हो गया. अप्रैल 2010 में उन्हें SAARC सम्मेलन की तैयारियों के बहाने दिल्ली बुलाया गया. जैसे ही वो साउथ ब्लॉक पहुंचीं, वहीं उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के वक्त उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, "इतनी देर क्यों लगाई?"
जासूसी में उतरना सिर्फ प्यार नहीं था
उनकी गिरफ्तारी के बाद पूरा विदेश मंत्रालय सकते में आ गया. जांच में उन्होंने अपने ईमेल पासवर्ड और कई राज उगल दिए. उनका केस कई साल चला और आखिरकार 2018 में उन्हें जासूसी और साजिश के आरोप में दोषी ठहराया गया. हालांकि, उन्हें क्लासिफाइड डाक्यूमेंट्स लीक करने के आरोप से बरी कर दिया गया. कहा जाता है कि उनका जासूसी में उतरना सिर्फ प्यार नहीं था. अकेलापन, प्रोफेशनल तनाव और खुद को साबित करने की ललक भी एक वजह हो सकती है.
लेकिन एक बात साफ है – जब आप दुश्मन की जमीन पर तैनात हों, तो जरा सी भी चूक देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाती है.
प्यार और जंग में सब कुछ जायज नहीं होता
आज जब हम ज्योति मल्होत्रा जैसे नए मामलों को देखते हैं, तो माधुरी गुप्ता की कहानी हमें याद दिलाती है कि प्यार और जंग में सब कुछ जायज नहीं होता.