Qutab Minar: 'उल्टा गणेश' और 'पिंजरे में गणेश' को अब कु़तुब मीनार से हटाया जायेगा, एनएमए ने कहा- भगवान की मूर्तियों को अपमानजनक स्थान पर लगाया गया है

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) ने कुतुब मीनार के परिसर में लगी हिंदू देवता गणेश की दो मूर्तियों को हाटने का फैसला किया. ये 12वीं सदी में स्मारक कुतुब मीनार के परिसर में लगी हैं. दरअसल एनएमए ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से कु़तुब मीनार के परिसर में 12वीं सदी से लगी हिंदू देवता गणेश की दो मूर्तियों को हाटने के लिए कह दिया है.

कुतुब मीनार (Photo Credits: Pixahive)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) ने कुतुब मीनार (Qutab Minar) के परिसर में लगी हिंदू देवता गणेश की दो मूर्तियों को हाटने का फैसला किया. ये 12वीं सदी में स्मारक कुतुब मीनार के परिसर में लगी हैं. दरअसल एनएमए ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से कु़तुब मीनार के परिसर में 12वीं सदी से लगी हिंदू देवता गणेश की दो मूर्तियों को हाटने के लिए कह दिया है. पिछले महीने एएसआई को भेजे गए पत्र में एनएमए ने कहा था कि मूर्तियों को राष्ट्रीय संग्रहालय में सम्मानजनक स्थान दिया जाना चाहिए, जहां ऐसी प्राचीन वस्तुओं को प्रदर्शित करने का प्रावधान हो. एनएमए और एएसआई दोनों ही संस्कृति मंत्रालय के तहत आते हैं. दिल्ली की अदालत ने कुतुब मीनार परिसर के अंदर देवताओं की पूजा शुरू करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज की

इस मसले पर एनएमए के अध्यक्ष ने कहा, ''ये मूर्तियां जहां पर लगी हैं, वो अपमानजनक है..''और उन्हें राष्ट्रीय संग्रहालय में भेज दिया जाना चाहिए. हालांकि एएसआई के अधिकारियों ने इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन, एनएमए प्रमुख तरुण विजय ने इस पत्र की पुष्टि की है.

तरुण विजय जोकि बीजेपी के नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद भी हैं. उन्होंने इस मसले पर अपने बयान में कहा, ''मैं कई बार उस जगह पर गया हूं और महसूस किया है कि मूर्तियों की जगह अपमानजनक है. वो मस्जिद में आने वाले लोगों के पैरों में आती हैं. स्वतंत्रता के बाद हमने उपनिवेशवाद के निशान मिटाने के लिए इंडिया गेट से ब्रितानी राजाओं और रानियों की मूर्तियां हटाई हैं और सड़कों के नाम बदले हैं. अब हमें उस सांस्कृतिक नरसंहार को उलटने के लिए काम करना चाहिए जो हिंदुओं ने मुगल शासकों के हाथों झेला था.''

उन्होंने कहा कि इन दो मूर्तियों को ''उल्टा गणेश'' और ''पिंजरे में गणेश'' कहा जाता है और ये स्मारक कुतुब मीनार के परिसर में लगी हैं. विजय ने कहा, ''ये मूर्तियां राजा अनंगपाल तोमर के बनाए 27 जैन और हिंदू मंदिरों को तोड़कर लाई गई थीं. इन मूर्तियों को जो जगह दी गई है वो भारत के लिए अवमानना का प्रतीक है और उसमें सुधार की जरूरत है.''

गौरतलब है कि 'उल्टा गणेश' मूर्ति, परिसर में बनी कु़व्वत-उल-इस्लाम मस्जिद की दक्षिण की ओर बनी दीवार पर लगी है. जबकि दूसरी मूर्ति में लोहे के पिंजरे में कैद गणेश इसी मस्जिद में जमीन के पास लगे हैं.

Share Now

\