चंडीगढ़, 27 अप्रैल: दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में 800 किलोग्राम वजनी भगवद गीता से प्रेरित होकर 72 वर्षीय अधिवक्ता मदन मोहन वत्स ने बुधवार को दावा किया कि वह 15 तारीख को अपनी लिखी 'सबसे लंबी' गीता लेकर आए हैं, जो 1,365 मीटर लंबा कैसेट रिबन पर है और इसका वजन केवल 510 ग्राम है. भगवद गीता के सभी 18 अध्यायों और संबंधित ग्रंथों के कुल 700 'श्लोक', गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित और प्रत्येक संस्कृत 'श्लोक' के बाद उसके पद्य, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद द्वारा तैयार किए गए हैं. संक्षिप्त विचार सहित महात्मा गांधी और मदन मोहन मालवीय जैसे 20 प्रख्यात विचारकों को वत्स ने 905 कार्य घंटे समर्पित करके एक्रेलिक कलर और ट्रिपल जीरो ब्रश से लिखा है. यह भी पढ़ें: India Good Performance In Logistics Performance Index: वर्ल्ड बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन में भारत ने लगाई लंबी छलांग, पहुंचा 38वें पायदान पर
उन्होंने यहां मीडिया को बताया कि इस काम को पूरा करने के लिए उन्होंने 10 वीडियो होम सिस्टम कैसेट का इस्तेमाल किया.
इसे पठनीय बनाने के लिए रिबन एक विशेष रूप से डिजाइन की गई डबल ऐक्रेलिक शीट 2 गुणा 12 से गुजरती है, जो दो ऊध्र्वाधर स्टैंड पर दो माउंटेड 10 व्यास के कैसेट से जुड़ी होती है.
रिबन की गति को दो 12 वोल्ट की मोटरों और एक बैटरी द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है. वत्स को भगवद गीता को विभिन्न रूपों में प्रस्तुत करने का जुनून है. इससे पहले, उन्होंने भगवद गीता को संस्कृत में 44 गुणा 29 सिंगल पेपर शीट पर और फिर 29 गुणा 14 के एक शीट पर पद्य रूप में प्रस्तुत किया था. अन्य प्रस्तुति कृत्रिम पीपल के पेड़ के पत्तों पर सभी श्लोकों का एक प्रिंट है. इन प्रस्तुतियों को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम के संग्रहालय में देखा जा सकता है.