Lok Sabha Elections 2024: पप्पू यादव ने महागठबंधन की बढ़ाई मुश्किलें, चुनावी मैदान में उतरने को तैयार

लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति गर्म है. इस चुनाव में अब तक सबसे हॉट सीट पूर्णिया बनी हुई है. महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद यह सीट राजद के कोटे में भले ही चली गई हो, लेकिन हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पूर्णिया से चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

Pappu yadav | Credit- IANS

पूर्णिया, 30 मार्च : लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति गर्म है. इस चुनाव में अब तक सबसे हॉट सीट पूर्णिया बनी हुई है. महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद यह सीट राजद के कोटे में भले ही चली गई हो, लेकिन हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पूर्णिया से चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

राजद ने पूर्णिया लोकसभा सीट पर जदयू से आयी बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया है. पप्पू यादव कार्यालय के अनुसार, वो दो अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे. हालांकि अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि वे बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे या राजद और कांग्रेस का यहां दोस्ताना संघर्ष होगा. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि ये सीट राजद के कोटे में चली गई है, हम कुछ नहीं कर सकते. यह भी पढ़ें : Nawab Malik Hospitalised: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की बिगड़ी तबियत, सांस लेने में शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती

माना जा रहा है कि दोनों ही स्थिति में महागठबंधन को परेशानी उठानी पड़ेगी. इसमें कोई दो मत नहीं है कि पप्पू के सीमांचल इलाके में अच्छी पैठ है. पिछले एक वर्ष से वे पूर्णिया में कड़ी मेहनत कर रहे हैं. 'प्रणाम पूर्णिया' अभियान के तहत वो गांव-गांव तक पहुंचे.

कांग्रेस में अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय करने के बाद पप्पू यादव पूर्णिया को अपनी प्रतिष्ठा की सीट मान चुके हैं और इसे किसी भी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. पप्पू यादव 1990 में पहली बार मधेपुरा के सिंहेश्वर से निर्दलीय विधायक बने थे. वे तीन बार निर्दलीय सांसद और एक बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं. ऐसे में तय है कि अगर वे निर्दलीय भी चुनावी मैदान में उतरते हैं तो इसका खामियाजा महागठबंधन को ही उठाना पड़ेगा.

माना जाता है कि यादव अगर पूर्णिया से चुनावी मैदान में उतरते हैं तो वे महागठबंधन के वोट बैंक में ही सेंध लगाएंगे. राजद का वोट बैंक एमवाई समीकरण को ही माना जाता है. बताया जाता है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पप्पू यादव की पार्टी के कांग्रेस में विलय की पटकथा लिखी थी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उनकी सलाह पर पप्पू यादव ने लालू प्रसाद से मिलकर उनकी शिकायतों को दूर किया था, लेकिन अंत में पप्पू खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.

भाजपा भी अब पप्पू के जरिए महागठबंधन पर कटाक्ष कर रहा है. भाजपा के प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि पहले से ही इस महागठबंधन को ठगबंधन माना जाता रहा है. पप्पू यादव को ठगबंधन ने ठग लिया है. उन्होंने अपनी पार्टी को कांग्रेस मे विलय कर दिया लेकिन राजद ने ठगते हुए बीमा भारती को सिंबल थमा दिया.

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