Delhi-Haryana Routes: राष्ट्रीय राजधानी में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी, यात्री इन मार्गों से करें दिल्ली में एंट्री

पुलिस ने दो एंट्री पॉइंट्स को बंद कर दिया है और अन्य दो पर प्रतिबंध लगा दिया है. दिल्ली में अन्य एंट्री पॉइंट्स वाहनों की आवाजाही के लिए खुले हैं.

किसानों का विरोध प्रदर्शन (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) के चलते हरियाणा और दिल्ली के बीच यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के विरोध के मद्देनजर कई बॉर्डर्स बंद कर दिए गए हैं, वहीं कई अन्य प्रतिबंध भी लगाए गए हैं. हजारों की संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन करने के लिए पंजाब और हरियाणा से दिल्ली पहुंचे हैं, और कई दिल्ली सीमाओं पर रुक गए हैं. विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली और हरियाणा के पड़ोसी जिलों के बीच वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है.

इस बीच और अधिक किसानों के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है. पुलिस ने दो एंट्री पॉइंट्स को बंद कर दिया है और अन्य दो पर प्रतिबंध लगा दिया है. दिल्ली में अन्य एंट्री पॉइंट्स वाहनों की आवाजाही के लिए खुले हैं. यदि आप हरियाणा से दिल्ली जा रहे हैं, तो हम आपको सुझाव देते हैं कि दिल्ली पुलिस द्वारा जारी राष्ट्रीय राजधानी में खुले एंट्री पॉइंट्स की लिस्ट की जांच जरूर करें. Farmers Protest Updates: किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज होगी बातचीत, प्रदर्शन के चलते सिंधु-टिकरी बॉर्डर बंद.

दिल्ली पुलिस के अनुसार, सिंघू और टिकरी सीमा दोनों ओर से बंद हैं. यदि आप दोपहिया वाहन पर हैं, तो आप दिल्ली से बदुसराय और झटीकरा बॉर्डर में प्रवेश कर सकते हैं. यह दोनों एंट्री पॉइंट्स सिर्फ मोटर साइकिल चालकों के लिए खुले हैं. यदि आप कार या अन्य वाहनों से हरियाणा से दिल्ली की यात्रा कर रहे हैं, तो आप झारोदा, धनसा, दौराला, कपासेरा, राजोखरी एनएच 8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा में प्रवेश कर सकते हैं.

केंद्र ने आज दोपहर 3 बजे बातचीत के लिए किसान संगठनों के नेताओं को आमंत्रित किया है. हालांकि, पंजाब किसान संघर्ष समिति ने कहा कि वे तब तक नहीं जाएंगे जब तक सभी नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जाता है. पंजाब किसान संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर एस सब्रन ने कहा "देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. बाकियों को सरकार द्वारा आमंत्रित नहीं किया गया है. हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे जब तक सभी समूहों को बुलाया नहीं जाता है."

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