नई दिल्ली, 28 मार्च: भारत सरकार ने मंगलवार (28 मार्च) को नकली और खराब क्वालिटी की दवाओं के निर्माण के लिए 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए हैं. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा 20 राज्यों की 76 कंपनियों के निरीक्षण के बाद भारत सरकार ने मंगलवार को नकली दवाओं के निर्माण के लिए 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर सरकारी कार्रवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश में 70 और उत्तराखंड में 45 और मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर कार्रवाई की गई है. मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ी लेकिन असमानता नहीं मिटी.
ये आदेश नकली दवा और खराब गुणवत्ता वाली दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत आया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कई दवा कंपनियों का निरीक्षण किया था.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले 15 दिन में 20 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में ये निरीक्षण किए गए. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि घटिया दवाओं के निर्माण के खिलाफ विशेष अभियान के पहले चरण के तहत 76 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा, ‘‘नकली और मिलावटी दवाओं के उत्पादन को लेकर 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं... इसके अलावा, 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं."
सूत्रों के अनुसार, विशेष अभियान के तहत नियामकों ने 203 कंपनियों की पहचान की है तथा ज्यादातर कंपनियां हिमाचल प्रदेश (70), उत्तराखंड (45) और मध्य प्रदेश (23) में हैं. हाल में भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं.
फरवरी में, तमिलनाडु की ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने अमेरिका में आंखों की रोशनी प्रभावित होने से कथित रूप से जुड़े अपने सभी आई ड्रॉप को वापस मंगा लिया था. उससे पहले, पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत को भारत में बने कफ सिरप से जोड़ा गया था.