Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन की ताजा रिपोर्ट जारी, पहली बार UP ने मारी बाजी
CM Yogi (Photo Credit : Twitter/@shubhamrai80)

Jal Jeevan Mission: केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन की सर्वेक्षण सूची में यूपी ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यूपी के दो जिले गाजियाबाद और महोबा पहली बार जल जीवन सर्वेक्षण की तीन स्टार श्रेणी में शामिल हुए हैं. इसके अलावा 2 स्टार वाली परफामर्स श्रेणी में शाहजहांपुर, झांसी,और चित्रकूट हैं तो वहीं एस्पिरेंट श्रेणी में कासगंज, फतेहपुर और श्रावस्ती है. इस उपलब्धि के बाद यूपी एक ऐसा राज्य बन गया है जिसके कई जिले अक्टूबर माह से दिसम्बर माह तक लगातार सर्वे के टॉप 5 श्रेणी में बने रहे.

पहली बार सूची में शामिल

यूपी पहली बार इस सूची में शामिल हुआ है और इसका सबसे बड़ा कारण यूपी सरकार है जो कंधे से कंधा मिलकर केंद्र सरकार का सहयोग कर रही है. हर घर तक तक स्वच्छ पेजयल पहुंचाने का अभियान रफ्तार पकड़ चुका है. सभी जिलों में लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. आज यूपी में 97 हजार से अधिक गांवों में 2.63 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से अब 32 लाख (12.16%) घरों में नल से पानी की आपूर्ति होती है. जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय केवल 5.16 लाख (2%) घरों में ही नल से जल की आपूर्ति होती थी. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान आने वाली बाधाओं का सामना करने के बावजूद राज्य ने 26.86 लाख (10.2%) घरों में नल के पानी का कनेक्शन प्रदान किए. उत्तर प्रदेश के 3,600 से अधिक गांव अब तक 'हर घर जल' से युक्त हो चुके हैं यानी इन गांवों में हर परिवार को नल का पानी मिलना शुरू हो चुका है.

अन्य राज्यों की स्थिति

भारत सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से जल आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए जल जीवन मिशन (जेजेएम) को लागू कर रही है. गोवा, तेलंगाना, गुजरात हरियाणा और 3 केंद्र शासित प्रदेशों पुडुचेरी, दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को हर घर जल के रूप में दर्ज किया जा चुका है. वहीं मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला जुलाई, 2022 में भारत का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिले की श्रेणी में शामिल हो चुका है. इसके अलावा पंजाब (99.93%), हिमाचल प्रदेश (97.17%) और बिहार (95.76%) 'हर घर जल' का दर्जा पाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. अब तक, देश के 125 जिलों और 1,61,704 गांवों को "हर घर जल" के रूप में दर्ज किया गया है. देश भर में 8.73 लाख (84.83%) स्कूलों और 9.02 लाख (80.79%) आंगनवाड़ी केंद्रों को पीने और मध्याह्न भोजन पकाने और हाथ धोने के लिए पीने योग्य नल का जल उपलब्ध करा दिया गया है.

वर्ष 2024 तक हर घर तक नल से जल

वर्ष 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता है. आज देश के नौ करोड़ ग्रामीण घरों को नल से साफ पानी की आपूर्ति का लाभ मिल रहा है. पीएम मोदी के "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" के साथ इस मिशन की शुरुआत हुई थी, मिशन की शुरुआत के समय देश में केवल 17 प्रतिशत ग्रामीण परिवार ही नल के पानी से जुड़े हुए थे और अब यह 52 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. जल जीवन मिशन (जेजेएम) ने 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराकर एक नई मिसाल कायम की है. इसके अलावा यह मिशन माताओं और बहनों को घरेलू इस्तेमाल के लिए पानी लाने के सदियों पुराने कठिन परिश्रम से मुक्ति दिलाने और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रयासरत है.