Lata Mangeshkar Dies At 92: हरीश रावत ने लता मंगेशकर को दी श्रद्धांजलि, कहा- उनके सम्मान में गुलदस्ता-माला स्वीकार नहीं करूंगा
हरीश रावत और लता मंगेशकर (Photo Credits: PTI)

देहरादून: स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अब हमारे बीच नहीं रहीं. उनका यूं चले जाना हर किसी को स्तब्ध कर गया. उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत (Harish Rawat) ने स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट कीं. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर के निधन से देश, कला और संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है. रावत आगे बोले कि वह चुनाव प्रचार में स्वर कोकिला के सम्मान में गुलदस्ता और माला स्वीकार नहीं करेंगे. स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से हर वर्ग स्तब्ध है. राजनेताओं से लेकर आम जन हर किसी में शोक की लहर है. Lata Mangeshkar Funeral: पंच तत्व में विलीन हुई स्वर कोकिला लता मंगेशकर, राजकीय सम्मान के साथ दी गई विदाई

हरीश रावत ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट किया, "स्वर कोकिला, जिन्होंने अपने कंठ स्वर से करोड़ों-करोड़ों लोगों को सालों तक मुग्ध किया. एक अद्भुत व्यक्तित्व, संगीत और दुनिया सामरागी 'ए मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी' और आज जब स्वर कोकिला, भारत रत्न लता मंगेशकर नहीं रही हैं तो हर भारतवासी की आखों में आज पानी भर आया है. दुनिया के अंदर न जाने ऐसे करोड़ों लोग हैं, जिन्होंने उनके कंठस्वर को सुनकर आनंदित हुआ है, उन सबकी आंखें इस समय नम हैं, आंखों में पानी भरा हुआ है."

"मैं भी बहुत दुख भरे शब्दों में उनको अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा हूं. आप अमर रहें, आपके गीत, आपके कंठस्वर अमर रहें."

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया, "स्वर कोकिला, सुर साम्राज्ञी, ख्यातिलब्ध पाश्र्व गायिका भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन की खबर से मन अत्यंत दुखी है. वे संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थीं और उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है."