Lakhimpur Kheri violence: सुप्रीम कोर्ट की योगी सरकार को फटकार, CJI के इन तीखे सवालों पर चुप्पी साध गए यूपी सरकार के वकील,
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

Lakhimpur Kheri violence: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को सुनवा ई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (Chief Justice of India) ने योगी सरकार (Yogi Government) को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के जांच के मामले में वह उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है. बता दें कि इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इसकी विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. यह भी पढ़ें: Lakhimpur Kheri Violence: सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर हिंसा मामले की सुनवाई आज, योगी सरकार को दिए स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के निर्देश

 इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा कि इस मामले में कुल कितने आरोपी हैं और उसने अब तक कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच कहां तक पहुंची है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए थे.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने योगी सरकार को दो टूक कहा कि, हम राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. मामला छुट्टी के तुरंत बाद सुनवाई के लिए लगाया जाए. 20 अक्टूबर को यह मामला लिस्ट में सबसे पहले लिया जाए.

सुनवाई के दौरान सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि पोस्टमार्टम की प्रतीक्षा करने की ज़रूरत नहीं थी. इस पर योगी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने जवाब देते हुए कहा कि मैं समझ रहा हूं कि जजों के मन में क्या है. मैं मानता हूं कि ज़रूरी कार्रवाई होनी चाहिए थी. इसके बाद सीजेआई ने कहा कि यह हमारे मन की बात नहीं है. हम लोगों को क्या संदेश दे रहे हैं? इसके जवाब में हरीश साल्वे ने कहा कि कल तक सारी कमी दूर कर ली जाएगी.

चीफ जस्टिस ने पूछा कि आपकी एसआईटी में कौन हैं. सब स्थानीय अधिकारी हैं. यही दिक्कत है. क्या राज्य सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है? लेकिन इस सवाल पर उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे चुप्पी साध ली.