Lakhimpur Kheri Violence: पीड़ित किसानों-परिजनों से मिलने लखीमपुर खीरी जा रही प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने पकड़कर जबरदस्ती सीतापुर गेस्ट हाउस (Sitapur Guest House) में बंद कर दिया है. प्रियंका गांधी को बंदी बनाए हुए 30 घंटे से भी ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभ तक उनकी रिहाई नहीं हो पाई है. वहीं उनकी सपोर्ट में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उतरे हैं. राहुल गांधी ने एक ट्विट किया है.
प्रियंका गांधी की सपोर्ट में राहुल गांधी ने ट्विट कर कहा, जिसे हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी! सत्याग्रह रुकेगा नहीं. यह भी पढ़ें: Lakhimpur Kheri Violence: अब तक नहीं हुई प्रियंका गांधी की रिहाई, सीतापुर गेस्ट हाऊस के बाहर सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता कर रहे प्रदर्शन
जिसे हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी!
सत्याग्रह रुकेगा नहीं।#FarmersProtest
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 5, 2021
बता दें कि सीतापुर गेस्ट हाउस के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ता प्रियंका गांधी की रिहाई के लिए धरने पर बैठे हुए हैं. यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी की रिहाई और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. Lakhimpur Khiri Violence: UP पुलिस ने प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर गंदे गेस्ट हाउस में किया बंद, गंदगी बर्दाश्त नहीं हुई तो खुद की सफाई, देखें वीडियो
बता दें कि प्रियंका गांधी शनिवार रात ही लखीमपुर खीरी के लिए लखनऊ से निकली थीं. लेकिन देर रात उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीतापुर के हरगांव में प्रियंका गांधी को बिना कारण बताए गिरफ्तार कर सीतापुर गेस्ट हाऊस में रखा है. प्रियंका गांधी को गिरफ्तार किए हुए 28 घंटे से भी ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक छोड़ा नहीं गया है.
बता दें कि प्रियंका गांधी वाड्रा सीतापुर पुलिस को चकमा देकर सिधौली से दूसरे रास्ते से लखीमपुर के लिए निकल गई थीं, लेकिन चप्पे चप्पे पर पुलिस ने नाकेबंदी कर रखी थी. प्रियंका वाड्रा को थाना हरगांव क्षेत्र से हिरासत में लेकर सीतापुर मुख्यालय में पीएसी के गेस्ट हाउस में रखा गया है. अंदर किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद यूपी कांग्रेस ने लोगों से इलाके में जुटने के लिए कहा है. प्रियंका गांधी की योजना तिकुनिया की हिंसक घटना में मारे गए पीड़ित परिजनों से मिलने की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को चकमा देने के लिए प्रियंका गांधी अपने आवास से पैदल ही निकल पड़ीं थीं और कुछ दूर पैदल चलने के बाद एक कार में सवार हो गईं. लखीमपुर खीरी के रास्ते में प्रियंका ने कहा, 'देश में किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. कई महीनों से किसान अपनी आवाज उठा रहे हैं लेकिन सरकार उनकी बात सुन नहीं रही है. रविवार की घटना बताती है कि सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है.'
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, हिंसा की घटना में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई है. प्रियंका गांधी और कांग्रेस नेता दीपिन्दर सिंह हुड्डा रविवार रात लखनऊ पहुंचे थे. कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता अशोक सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि, ‘प्रियंका लखरीमपुर खीरी रवाना हो गई हैं.’इससे पहले पार्टी के एक नेता ने कहा था, ‘प्रियंका अभी (लखीमपुर खीरी के लिए) रवाना नहीं हुई हैं. उन्हें नजरबंद किए जाने की पूरी आशंका है. मकान के बाहर 300 पुलिसकर्मी और 150 महिला कांस्टेबल हैं. 300 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता भी हैं.’
वहीं दूसरी ओर लखीमपुर खीरी में दो दिनों के बवाल के बाद किसानों और प्रशासन के बीच समझौता हो गया. प्रशासन और किसानों ने बीच जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक चार मृतक किसानों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. वहीं, घटना में घायल किसानों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी. इसके अलावा मृतक के परिवारो में से किसी एक को सरकारी नौकरी भी मिलेगी. वहीं, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस पूरे मामले की जांच करेंगे. 8 दिन के अंदर आरोपियों को गिरफ्तारी का भरोसा दिया गया है.