Kumbh Mela 2021: कोरोना के खौफ का बड़ा असर, निरंजनी और आनंद अखाड़े का ऐलान- हमारे लिए समाप्त हुआ कुंभ मेला
कोरोना महामारी के कारण बिगड़ते हालात को ध्यान में रखते हुए निरंजन अखाड़ा और आनंद अखाड़े ने अपने संतों के लिए कुंभ मेला समाप्त होने का ऐलान किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने निरंजन अखाड़े के के सेक्रेटरी रविंद्र पुरी के हवाले से बताया कि कोविड-19 की वजह से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, ऐसे में कुंभ मेला हमारे लिए संपन्न हो गया है.
Kumbh Mela 2021: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण बिगड़ते हालात को ध्यान में रखते हुए निरंजनी अखाड़ा (Niranjani Akhara) और आनंद अखाड़े (Anand Akhara) ने अपने संतों के लिए कुंभ मेला समाप्त होने का ऐलान किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने निरंजनी अखाड़े के के सेक्रेटरी रविंद्र पुरी (Ravindra Puri) के हवाले से बताया कि कोविड-19 (COVID-19) की वजह से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, ऐसे में कुंभ मेला हमारे लिए संपन्न हो गया है. उन्होंने कहा कि मुख्य शाही स्नान (Shahi Snan) हो चुका है और हमारे अखाड़े के कई साधु-संतों में कोरोनावायरस के लक्षण (Symptoms of Coronavirus) नजर आ रहे हैं. यह भी पढ़ें- Kumbh Mela 2021: हरिद्वार कुंभ में आए ‘दुनिया के सबसे छोटे साधू’, लंबाई है सिर्फ 18 इंच और वजन भी महज 18 किलो.
उधर, आनंद अखाड़े ने भी पहल करते हुए अपने अखाड़े के साधु-संतों के लिए कुंभ मेला समाप्त करने की घोषणा कर दी है. कुछ दिनों पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. बहरहाल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना के रोकथाम के मामले पर शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है.
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बताया जा रहा है कि इस बैठक में कुंभ मेले को लेकर भी बड़ा फैसला किया जा सकता है. हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में 10 से 14 अप्रैल के बीच 1700 से अधिक लोगों के कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बीच आशंका जताई जा रही है कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा कोविड-19 के मामलों में आ रहे जबरदस्त उछाल को और तेज कर सकता है.
ANI का ट्वीट-
स्वास्थ्यकर्मियों ने मेला क्षेत्र में इन पांच दिनों में 2,36,751 कोविड जांच कीं, जिनमें से 1701 लोगों की रिपोर्ट में उनके महामारी से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई. बताते चलें कि हरिद्वार, टिहरी और ऋषिकेश सहित देहरादून जिले के विभिन्न भागों में 670 हेक्टेयर क्षेत्रफल में महाकुंभ क्षेत्र फैला हुआ है.
सोमवार को सोमवती अमावस्या तथा बुधवार को मेष संक्रांति और बैसाखी के पर्व पर हुए दोनों शाही स्नानों में गंगा में डुबकी लगाने वाले 48.51 लाख श्रद्धालुओं में से ज्यादातर लोग बिना मास्क पहने और सामाजिक दूरी रखने जैसे कोविड से बचाव के नियमों का उल्लंघन करते नजर आए. इस दौरान पुलिस हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड में समय की कमी के चलते अखाड़ों के साधुओं और संन्यासियों को कोविड से बचाव के दिशा-निर्देशों का पालन करवाने में असफल रही.