Kumbh Mela 2021: उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार में कुंभ मेले के लिए जारी की नई SOP, ये रही डिटेल्स
हरिद्वार कुंभ (Photo: PTI)

देहरादून: हरिद्वार (Haridwar) में कुंभ मेले (Kumbh Mela 2021) की भव्य शुरुआत हो गई है. कुंभ मेला 1 अप्रैल से शुरू होकर 30 अप्रैल तक चलेगा. बता दें कि इतिहास में पहली बार कोरोना संकट के चलते कुंभ मेला सिर्फ एक महीने के लिए आयोजित किया गया है. इस बीच हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान वायरस के प्रसार को रोकने के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP जारी की गई है. हरिद्वार में गंगा के तट पर महाकुंभ का समापन 30 अप्रैल को होगा इससे पहले 12, 14 और 27 अप्रैल को तीन "शाही स्नान" होंगे. Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार में एक अप्रैल से लगेगा कुंभ, कोरोना के चलते होंगे सिर्फ 3 शाही स्नान.

कुंभ के दौरान कोरोना से बिगड़ते हालातों को संभालने के लिए सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की है. ये गाइडलाइंस 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू रहेंगी. उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार ने गुरुवार को 2021 हरिद्वार कुंभ मेले के लिए संशोधित एसओपी जारी की. मिली जानकारी के अनुसार कुंभ मेले में लोगों को COVID-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते पाए जाने के बाद नए एसओपी की घोषणा की गई.

  • हरिद्वार आने वाले हर व्यक्ति को आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. यह अनिवार्य है. यह रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए
  • सभी को हर समय सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और मास्क पहनना होगा.
  • उत्तराखंड के सभी एंट्री पॉइंट्स पर COVID-19 टेस्टिंग बूथ रहेंगे.
  • नारसन बॉर्डर और टेस्टिंग बूथ स्थापित किया गया है. सभी को COVID-19 के लिए परीक्षण करना होगा.
  • हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर, सभी आने वाले यात्रियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी या अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना होगा.
  • जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर टेस्टिंग की सुविधा स्थापित की गई है.

इसे पहले उत्तराखंड सरकार ने 12 राज्यों से आने वाले लोगों के लिए आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य कर दिया है. यह रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए. मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने परामर्श जारी करते हुए कहा कि यह नियम महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से सड़क, हवाई मार्ग और रेलगाड़ियों से आने वाले लोगों पर एक अप्रैल से लागू होगा.