Kumbh 2021: उत्तराखंड HC ने पलटा सीएम तीरथ सिंह का फैसला- कुंभ में कोविड नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी, संक्रमण रोकने के लिए खास इंतजाम करने के आदेश

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सीएम तीरथ सिंह रावत के फैसले को रद्द करते हुए कुंभ में शामिल होने के लिए फिर से कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है. सीएम तीरथ ने मुख्यमंत्री बनते ही कुंभ मेले में भाग लेने वाले भक्तों द्वारा आवश्यक कोविड टेस्ट रिपोर्ट लाने के नियम को समाप्त कर दिया था.

कुंभ में कोविड नेगेटिव रिपोर्ट जरूर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court) ने सीएम तीरथ सिंह रावत (CM Tirath Singh Rawat) के फैसले को रद्द करते हुए कुंभ (Kumbh 2021) में शामिल होने के लिए फिर से कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है. सीएम तीरथ ने मुख्यमंत्री बनते ही कुंभ मेले में भाग लेने वाले भक्तों द्वारा आवश्यक कोविड टेस्ट रिपोर्ट लाने के नियम को समाप्त कर दिया था. अदालत ने कहा कि राज्य में बिगड़ती कोरोना स्थिति को देखते हुए, कुंभ में शामिल होने वालों के लिए आरटीपीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है. इसके अलावा, भक्त कोरोना टीकाकरण का प्रमाण पत्र भी दिखा सकते हैं.

एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र द्वारा जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. सभी आगंतुकों के लिए कोरोना परीक्षण की नकारात्मक रिपोर्ट लाना अनिवार्य है और यह सभी के हित में है. तीरथ सिंह रावत ने एक बड़ा फैसला लिया और कुंभ आगंतुकों के लिए इस नियम को समाप्त कर दिया. बुधवार को, देहरादून के सचिव ने कोरोना रिपोर्ट लाने के नियम को सख्ती से लागू करने के आदेश भी जारी किए. यह भी पढ़ें: Haridwar Kumbh 2021: कुंभ में शाही स्नान का आशय, जानें कुंभ का महात्म्य और क्या है शाही स्नान की तिथियां

आपको बता दें कि उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत खुद कोरोना संक्रमित हो गए हैं. उनके साथ कार्यक्रमों में शामिल लोगों में से कई को आइसोलेशन में रखा गया है और उनका परीक्षण किया जा रहा है. राज्य में कोरोना मामलों में वृद्धि के बाद, केंद्र सरकार ने भी चिंता व्यक्त की, जिसके बाद राज्य में टीकाकरण और जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है. मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि केंद्र के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है और कोरोना परीक्षणों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. वर्तमान में राज्य में हर दिन 50 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट और पांच हजार आरटीपीआर परीक्षण किए जा रहे हैं.

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