कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने में पाकिस्तान की आनाकानी, दोबारा आईसीजे में जा सकता है केस

कुलभूषण को राजनयिक पहुंच देने को लेकर पाकिस्तान अगर भारत की बात नहीं मानता है तो इससे एक बार दोनों देशों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो सकती है. जिसके चलते दोबारा यह केस आईसीजे पहुंच सकता है.

कुलभूषण जाधव (Photo Credits: PTI)

Kulbhushan Jadhav Case: कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को राजनिक पहुंच (Consular Access) देने में पाकिस्तान (Pakistan) आनाकानी कर रहा है, जिसके चलते यह मामला एक बार फिर आईसीजे (ICJ) में जा सकता है. कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि राजनयिक पहुंच यानी कांसुलर एक्सेस पूरी तरह से गोपनीय और निजी होनी चाहिए. हालांकि पाकिस्तान कैमरे की निगरानी में कुलभूषण को राजनयिक पहुंच देने की बात कर रहा है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को निजी राजनयिक पहुंच प्रदान करे. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो इसे इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी आईसीजे के फैसले का पूरी तरह से पालन करना नहीं माना जाएगा.

कुलभूषण को राजनयिक पहुंच देने को लेकर पाकिस्तान अगर भारत की बात नहीं मानता है तो इससे एक बार दोनों देशों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो सकती है. जिसके चलते दोबारा यह केस आईसीजे पहुंच सकता है. अगर यह केस दोबारा आईसीजे में जाता है तो भारत निजी व गोपनीय तरीके से राजनयिक पहुंच देने की बात कर सकता है, जबकि पाकिस्तान यह दलील पेश कर सकता है कि वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग भारत के साथ दुनिया भर के जेल मैन्युअल के मुताबिक है, वहीं भारत का कहना है कि जेल मैन्युअल सिर्फ सामान्य काउंसलर मामलों के लिए मान्य है. यह भी पढ़ें: क्या अभिनदंन की तरह कुलभूषण जाधव की ICJ के फैसले के बाद होगी वतन वापसी? इमरान खान से है भारत को उम्मीदें

दरअसल, पाकिस्तान आईसीजे के फैसले के बाद भी कई बार कुलभूषण जाधव की सुरक्षा का मुद्दा उठाता रहा है. इसी आधार पर वह राजनयिक पहुंच देने से भी इनकार कर चुका है. इस आधार पर पाकिस्तान की आनाकानी को लेकर भारत कह चुका है कि उसकी यह दलील आईसीजे पहले ही नकार चुका है.

गौरतलब है कि इस केस में आईसीजे ने पाकिस्तान को वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 का दोषी पाया है और अब पाकिस्तान द्वारा जाधव को निजी राजनियक पहुंच देने में आनाकानी को लेकर उन सबूतों पर भी सवाल उठने लगे हैं, जिनके आधार पर जाधव को दोषी करार देकर सजा सुनाई गई थी. बता दें कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को उसके कथित कबूलनामे के आधार पर दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है.

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