द हेग: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) में सोमवार से सुनवाई शुरू हो गई. इस मामले में लगातार चार दिन सार्वजनिक सुनवाई में भारत और पाकिस्तान (Pakistan) जिरह करेंगे. इस बीच आज पहले दिन की सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिससे हर पाकिस्तानी को शर्मिदगी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल पुलवामा आतंकी हमलें के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इसका उदाहरण आज आईसीजे में देखने मिला. जब भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया.
विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव व भारत सरकार के एजेंट दीपक मित्तल (Deepak Mittal) से नीदरलैंड के हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में हाथ मिलाने के लिए जब पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने हाथ बढ़ाया, तो दीपक ने उनसे हाथ नहीं मिलाया. हाथ मिलाने के बजाए दीपक ने उन्हें दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते किया और शुभकामनाएं दी. यह देख अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मौजूद अन्य लोग मुस्कुरा उठे.
Indian agent and Jt Secretary @MEAIndia
Deepak Mittal was seen avoiding a handshake with Pakistani Attorney General Mohammad Anwar Mansoor Khan before the court hearing commenced @CIJ_ICJ over#KulbhushanJadhav case.@abpnewshindi @abpnewstv pic.twitter.com/5PX4vjlwIE
— Pranay Upadhyaya (@JournoPranay) February 18, 2019
यह तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसके जरिए लोग पाकिस्तान को खूब ट्रोल कर रहे है. बता दें कि पाकिस्तान की एक आर्मी कोर्ट ने सेवानिवृत्त नौसैना के अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी जिसे भारत ने आईसीजे में चुनौती दी. आईसीजे का फैसला आगामी कुछ महीनों में आने की संभावना है.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों में कड़वाहट बहुत बढ़ गई है. भारत सरकार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर पाकिस्तान प्रायोजित जैश ए मोहम्मद के हमले का बदला लेने की योजना बना रही है. गौरतलब हो कि पुलवामा जिले में जैश ए मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन को सीआरपीएफ की एक बस से टकरा दिया. इस विस्फोट में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हुए हैं. बताया जा रहा है सीआरपीएफ के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों में जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे. यह हमला 2016 में हुए उरी हमले के बाद से राज्य में सबसे भीषण आतंकी हमलों में एक है.