इंटरनेशनल कोर्ट (ICJ) में पाकिस्तान को करारी मात मिली है. कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) मामले में अदालत ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. इंटरनेशनल कोर्ट (ICJ) के इस फैसले स्वागत पीएम मोदी समेत देशभर के लोगों ने किया. भारत इसे अपनी जीत मान रहा है लेकिन इसी कड़ी में पाकिस्तान भी अपनी पीठ थपथपाने से नहीं चुक रहा है. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ट्वीट कर लिखा, कि अदालत ने कुलभूषण को बरी, रिहा और वापस भारत न भेजे जाने का फैसला किया. वह पाक के लोगों के खिलाफ अपराध का दोषी है. पाकिस्तान मामले में कानून के मुताबिक आगे बढ़ेगा.
बता दें कि अदालत ने जाधव को राजनयिक पहुंच देने के पक्ष में फैसला सुनाया और पाकिस्तान को उनकी फांसी पर रोक जारी रखने के लिए कहा है. भारतीय नौसेना के अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत ने फांसी पर रोक लगाने के लिए आईसीजे में अपील की थी.
Appreciate ICJ’s decision not to acquit, release & return Commander Kulbhushan Jadhav to India. He is guilty of crimes against the people of Pakistan. Pakistan shall proceed further as per law.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 18, 2019
दि हेग में फरवरी 2019 में भारत और पाकिस्तान दोनों से अंतिम बहस की सुनवाई के बाद, जिलानी केवल चौथे दिन ही कार्यवाही में शामिल हो पाए थे क्योंकि उन्हें दिल का दौरा पड़ गया था. उस समय, पाकिस्तान ने जिलानी की बीमारी का हवाला देते हुए आईसीजे से मामले को स्थगित करने का आग्रह किया था. चूंकि पाकिस्तान का कोई भी न्यायाधीश आईसीजे का सदस्य नहीं था, इसलिए पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जिलानी को तदर्थ न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया था. भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश दलवीर भंडारी आईसीजे के 15 स्थायी सदस्यों में से एक हैं.
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव मामले में नीदरलैंड के हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तान से कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे. इसका मतलब यह भी है कि कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर आईसीजे ने जो रोक लगाई थी, वह जारी रहेगी. इसके साथ ही आईसीजे ने कुलभूष जाधव तक राजनयिक पहुंच दिए जाने की भारत की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया है. अब भारतीय उच्चायोग कुलभूष जाधव से मुलाकात कर सकेगा और उन्हें वकील और अन्य कानूनी सुविधाएं दे पाएगा.