द हेग: पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) की रिहाई पर इंटरनेशनल कोर्ट (आईसीजे) आज फैलसा सुनाने वाला है. दरअसल पाकिस्तान ने कथित जासूसी के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनाई है. जिस फैसले को भारत ने आईसीजे में चुनौती दी है. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान जाधव को अगवा कर जबरदस्ती भारतीय जासूस बता रहा है. सुनवाई में भारत का पक्ष एडवोकेट हरीश साल्वे और पाकिस्तान का पक्ष अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान रखेंगे.
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने भारत के अनुरोध पर पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दिए गए मौत के फैसले पर रोक लगा दी. कुलभूषण सुधीर जाधव को मार्च 2016 में पाकिस्तन के अशांत प्रांत बलूचिस्तान से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. इसके अलावा पाकिस्तान पोल खुलने के दर से जाधव को राजनयिक सम्पर्क (कॉन्सुलर एक्सेस) की सुविधा भी नहीं मुहैया करवा रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने 2017 में जाधव की मौत की सजा की तालीम पर तत्काल रोक का आदेश दिया था. तब से इस अहम भारतीय मामले की सुनवाई लंबित है. जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं. उन पर पाकिस्तान में अफगानिस्तान से लगते सूबे में भारतीय खुफिया एजेंसी के लिए काम करने का आरोप है. पाकिस्तान लंबे अरसे से भारत पर बलूचिस्तान के अलगाववादी बागियों को समर्थन देने का आरोप लगाता है.
बंद कमरे में सुनवाई के बाद पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘जासूसी, विध्वंसकारी गतिविधियों और आतंकवाद’ के आरोप में 10 अप्रैल 2017 को जाधव को मौत की सजा सुनाई थी. हेग स्थित आईसीजे ने चार जुलाई को अपने एक बयान में कहा था कि वह इस मामले में 17 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगा. आपको बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के मकसद से इंटरनेशनल कोर्ट की स्थापना की गई थी.