चीन, बांग्लादेश सहित 7 देशों से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य; भारत में डेल्टा प्लस के 300 केस
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: PTI)

नई दिल्ली: कोविड-19 (COVID-19) के नये स्वरूपों के डर के मद्देनजर दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और चीन सहित सात देशों से भारत आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर (RT-PCR) जांच को अनिवार्य कर दिया गया है. ये सात देश दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे हैं. केन्द्र की ओर से गुरुवार को यह जानकारी दी गयी. करीब 80 प्रतिशत शिक्षकों एवं गैर शिक्षक कर्मियों को मिली कोविड टीकों की पहली खुराक: सरकार

सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा कि सार्स-कोव-2 वायरस में हो रहे नये-नये म्यूटेशन की रिपोर्ट के अलावा वैश्विक स्तर पर वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) और वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) की बढ़ती संख्या पर विचार करते हुए सात देशों को उन देशों की सूची में शामिल किया गया है, जहां से आने वाले यात्रियों को भारतीय हवाई अड्डों पर उतरने के समय एक और आरटी-पीसीआर जांच करवानी होगी. इसके अलावा उन्हें भारत के लिए उड़ान भरने से पहले भी आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी.

गौरतलब है कि फरवरी में जारी किए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक केवल ब्रिटेन, यूरोप और पश्चिम एशिया से आने वाले यात्रियों को ही भारतीय हवाई अड्डों पर उतरने पर फिर से आरटी-पीसीआर जांच करानी पड़ती था.

केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को भी कहा है ताकि दुनिया के अन्य देशों से भारत में कोरोना वायरस के नये-नये स्वरूपों को आने से रोका जा सके.

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूजीएस) गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भी कहा.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हालांकि म्यूटेंट का खतरा मौजूद रहेगा. इसीलिए जांच, संक्रमण का पता लगाना, टीकाकरण, अस्पतालों में ​​तैयारी और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साधनों का दृढ़ता से उपयोग किया जाना चाहिए.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कोलंबिया में कोरोना वायरस के एक नये स्वरूप का पता चला है, जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.

भारत में कोविड के डेल्टा प्लस के 300 मामले

केंद्र सरकार ने कहा कि भारत में कोविड-19 के डेल्टा प्लस स्वरूप के करीब 300 मामले मिले हैं और टीका इस स्वरूप के खिलाफ प्रभावी पाया गया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्रेस ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता की जांच की गयी है. उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप के सामने आने के कुछ महीने हो गए हैं. पहले 60-70 मामले मिले थे, अब डेल्टा प्लस के करीब 300 मामले हैं. उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस के खिलाफ भी टीके को प्रभावी पाया गया है. कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप की पहचान 11 जून को की गयी थी और इसे चिंता पैदा करने वाली श्रेणी में शामिल किया गया था.

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