कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई ने एक चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें मुख्य आरोपी संजय रॉय की गतिविधियों और घटना के क्रम का विस्तृत विवरण दिया गया है. यह मामला तब चर्चा में आया जब 9 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के एक सेमिनार हॉल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिला था. संजय रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, जब पीड़िता का शव बरामद हुआ था. पहले मामले की जांच कोलकाता पुलिस ने की, लेकिन 13 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इसकी जिम्मेदारी संभाली.
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कैसे सीबीआई ने किया मामले का खुलासा?
सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल और उसके आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) का गहन विश्लेषण किया. चार्जशीट के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय को घटना स्थल पर मौजूद पाया गया.
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार घटना के समय का क्रम:
- सुबह 3:42 बजे: संजय रॉय को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मुख्य द्वार से अंदर जाते हुए देखा गया. उसने अपनी बाइक गेट के पास खड़ी की.
- सुबह 3:48 बजे: उसे आपातकालीन वार्ड की इमारत के रैंप पर देखा गया.
- सुबह 4:03 बजे: संजय रॉय को तीसरी मंजिल के गलियारे में, घटनास्थल के पास देखा गया.
- सुबह 4:32 बजे: उसे तीसरी मंजिल के चेस्ट वार्ड से बाहर निकलते हुए देखा गया.
- सुबह 4:37 बजे: मुख्य आरोपी को अस्पताल परिसर से बाइक पर बाहर जाते हुए देखा गया.
मेडिकल जांच और अन्य साक्ष्य
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि संजय रॉय की मेडिकल जांच के दौरान उसके शरीर पर हालिया चोटें पाई गईं. इनमें उसके बाएं गाल पर घाव, बाएं हाथ की अंगुलियों के बीच और बाईं जांघ के पीछे चोटें शामिल थीं. कोलकाता पुलिस ने आरोपी से उसके कपड़े, हेलमेट सहित नौ चीजें बरामद की थीं, जो इस मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्य मानी जा रही हैं.
सीबीआई ने इस मामले में 45 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए और इनमें से कम से कम 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवाया गया है.
सीबीआई की गहन जांच और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में संजय रॉय को आरोपी के रूप में चिन्हित किया गया है. सीसीटीवी फुटेज और कॉल डेटा रिकॉर्ड ने मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यह केस कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई एक दर्दनाक घटना की गुत्थी को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.