नई दिल्ली: कोलकाता रेप मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज रेप और मर्डर मामले में पीड़िता का नाम और फोटो हटाने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रेस बयान में इस बात की जानकारी दी. साथ ही, आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों से इस आदेश के अनुपालन में की गई कार्रवाई की जानकारी मंत्रालय के साइबर कानून विभाग को देने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश 20 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने 'किन्नोरी घोष एंड अनर बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एंड ऑर्स' मामले में दिया. आदेश में कहा गया, “इस कोर्ट को यह निर्देश जारी करने के लिए बाध्य होना पड़ा क्योंकि सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने मृतक की पहचान और शव की तस्वीरें प्रकाशित कर दी हैं. इसलिए, हम निर्देश देते हैं कि इस घटना में मृतक के नाम, तस्वीरों और वीडियो क्लिप्स को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से तुरंत हटा दिया जाए.”
MeitY ने इस आदेश की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा, “कोर्ट के आदेश का पालन करना बेहद जरूरी है ताकि इस मामले से जुड़े व्यक्तियों की गोपनीयता और गरिमा सुरक्षित रहे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को तुरंत कार्रवाई करनी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि इस प्रकार की संवेदनशील जानकारी का प्रसार न हो.”
यह याचिका बार के सदस्यों द्वारा दायर की गई थी, जिसमें पीड़िता का नाम और संबंधित हैशटैग्स सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म्स जैसे Meta (फेसबुक और इंस्टाग्राम), गूगल (यूट्यूब) और X (पूर्व में ट्विटर) पर व्यापक रूप से फैलाए जाने की बात कही गई थी. “इसके अलावा, मृतक के शव की तस्वीरें और वीडियो क्लिप्स भी सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित की जा रही हैं,” कोर्ट ने आदेश में उल्लेख किया.