26 January: जानिए भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया के लिए क्यूं अहम है 26 जनवरी का दिन
26 जनवरी का दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों देशों के लिए खास महत्व रखता है. एक तरफ जहाँ भारत में यह दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तो वहीं ऑस्ट्रेलिया में इसे "नेशनल डे" के रूप में मनाया जाता है.
26 जनवरी: 26 जनवरी का दिन भारत और ऑस्ट्रेलिया (Australia) दोनों देशों के लिए खास महत्व रखता है. एक तरफ जहाँ भारत में यह दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तो वहीं ऑस्ट्रेलिया में इसे "नेशनल डे" के रूप में मनाया जाता है. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था, जिसके बाद से इसे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर दिल्ली के इंडिया गेट पर परेड आयोजित की जाती है. कई तरह की झांकियां निकलती है और भारतीय सेना अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है. ऑस्ट्रेलिया में इस दिन न्यू साउथ वेल्स के पोर्ट जैकसन पर ब्रिटिश जहाजों का पहला बेड़ा पहुंचा था. उस समय तत्कालीन गर्वनर ऑर्थर फिलीप ने ग्रेट ब्रिटेन का झंडा लहराया था.
दोनों देशों के लिए अहम है 26 जनवरी का दिन
ऑस्ट्रेलिया में 26 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया डे भी कहा जाता है. इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं. यह दिन ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश उपनिवेश के आरंभ को दर्शाता है. इस दिन को ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा आधिकारिक राष्ट्रीय दिवस घोषित किया जा चुका है. भारत में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है इसका प्रमुख कारण यह है कि संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को स्वीकार किया था, जबकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरे देश में लागू हुआ था. जिसके उपलक्ष्य में हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.
ऑस्ट्रेलिया डे को मनाने के पीछे का कारण
26 जनवरी 1788 में न्यू साउथ वेल्स के पोर्ट जैकसन (Port jackson) पर ब्रिटिश जहाजों का पहला बेड़ा पहुंचा था. उस समय तत्कालीन गर्वनर ऑर्थर फिलीप ने ग्रेट ब्रिटेन का झंडा लहराया था. ब्रिटिश जहाजों का आना इस बात का संकेत था कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्से पर ब्रिटेन की संप्रभुता है. साल 1946 में इसे ऑस्ट्रेलिया डे नाम दिया गया था, तब से लेकर आज तक यह दिन ऑस्ट्रेलिया के मुख्य आयोजनों का प्रमुख हिस्सा बन चुका है. यह भी पढ़ें : Republic Day 2021: भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पिक्सआर्ट लेकर आया विशेष स्टिकर्स
खासा अहम है भारत-ऑस्ट्रेलिया की दोस्ती
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त माने जाते हैं. साल 2019 में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वर्चुअल समिट हुई थी. जिसमें दोनों देशों के बीच एक बड़ा समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के मिलिट्री बेस का प्रयोग कर सकती हैं. बीते वर्ष भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने अपना संदेश भी भेजा था. जिसमें मॉरिसन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए द्विपक्षीय संबंधों पर रोशनी डाली थी. उन्होंने कहा था,"ऑस्ट्रेलिया की भारत के साथ लंबी दोस्ती है. यह दोस्ती व्यापार और कूटनीति से ऊपर है, ये दोस्ती विश्वास और सम्मान पर बनी है. ये दोस्ती काफी गहरी है और लोकतंत्र, रक्षा सहयोग और प्रवासी गतिविधियों से चिन्हित है'. इससे पूर्व ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फारेल ने भी भारत-ऑस्ट्रेलिया के रक्षा संबंधों का जिक्र करते हुआ कहा था, कि भारत के साथ रक्षा संबंधों में पिछले छह वर्षों में चार गुना इजाफा हुआ है. ऑस्ट्रेलिया अब मालाबार युद्धाभ्यास का भी हिस्सा है जो यह बताने के लिए काफी है कि इन दोनों देशों के बीच राजनैतिक संबंध तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. यह भी पढ़ें : पीएम मोदी ने इंडिया गेट पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में पुस्तक पर किया हस्ताक्षर: 26 जनवरी 2021 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE
क्रिकेट श्रृंखलाओं में है भारत का दबदबा
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों क्रिकेट जगत की अहम टीमें मानी जाती हैं. दोनों ही टीमें आईसीसी की टॉप-3 टीमों की श्रेणी में आती हैं. हर साल इन दोनों देशों के बीच कम से कम 2 द्विपक्षीय दौरों का आयोजन जरूर होता है. साल 2018 से इन श्रृंखलाओं में भारतीय टीम का दबदबा कायम है, जिसमें सबसे ताजा उदाहरण हाल ही की बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला है. जिसमें भारतीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया की बॉडी-लाइन गेंदबाजी की धज्जियाँ उड़ाते हुए शानदार प्रदर्शन किया था. भारत ने यह टेस्ट श्रृंखला 2-1 से जीती थी.