नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र के भौगोलिक संकेत (जीआई) संबंधी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नागालैंड के 'राजा मिर्च' (Raja Mircha), जिसे किंग चिली (King Chilli) भी कहा जाता है, की एक खेप को आज पहली बार हवाई मार्ग से गुवाहाटी के रास्ते लंदन निर्यात किया गया. केसर का निर्यात वर्ष 2020-21 में बढ़कर 17.2 लाख डॉलर का हो गया
किंग चिली की इस खेप को स्कोविल हीट यूनिट्स (एसएचयू) के आधार पर दुनिया की सबसे तीखी भी माना जाता है. इस खेप को नागालैंड के पेरेन जिले के एक हिस्से, तेनिंग, से मंगवाया गया था और उसे गुवाहाटी में एपीडा से सहायता प्राप्त पैकहाउस में पैक किया गया था.
नागालैंड की इस मिर्च को भूत जोलोकिया और घोस्ट पेपर भी कहा जाता है. इसे 2008 में जीआई सर्टिफिकेशन मिला था. पीएम मोदी ने नगालैंड से राजा मिर्च का लंदन में निर्यात होने पर प्रशंसा जताई और इसे 'अद्भुत खबर' कहा.
Wonderful news.
Only those who have eaten the Bhoot Jolokia will know how spicy it is!https://t.co/G1nUWq3uw8 https://t.co/eJ4Pw1ymq3
— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2021
एपीडा ने नागालैंड राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एनएसएएमबी) के सहयोग से ताजा किंग चिली की निर्यात की पहली खेप का समन्वय किया. एपीडा ने जून और जुलाई 2021 में प्रयोगशाला जांच के लिए इसके नमूने भेजने में एनएसएएमबी के साथ समन्वय किया था और जांच के नतीजे उत्साहजनक रहे क्योंकि इसे जैविक तरीके से उगाया जाता है.
अत्यधिक खराब होने की इसकी प्रकृति के कारण ताजा किंग चिली का निर्यात एक चुनौती थी. नागालैंड का किंग चिली सोलानेसी परिवार के शिमला मिर्च की प्रजाति से संबंधित है. नागा राजा मिर्च को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना गया है और यह एसएचयू के आधार पर दुनिया की सबसे तीखी मिर्च की सूची में शीर्ष पांच में लगातार बनी हुई है.
एपीडा पूर्वोत्तर क्षेत्र क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित करना जारी रखेगा और वह पूर्वोत्तर राज्यों को निर्यात मानचित्र पर लाने के लिए प्रचार संबंधी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है. 2021 में, एपीडा ने त्रिपुरा के कटहल को लंदन और जर्मनी, असम की नींबू को लंदन, असम के लाल चावल को संयुक्त राज्य अमेरिका और लेटेकु 'बर्मी ग्रेप' को दुबई निर्यात करने में मदद की है.