Kerala Train Arson Case: हमले के पीछे के मकसद से अभी भी अनजान पुलिस

2 अप्रैल को ट्रेन में आग लगाए जाने के मामले में केरल पुलिस अभी भी हमले के पीछे के मकसद का पता नहीं लगा पाई है. हमलावर शाहरुख सैफी को महाराष्ट्र एटीएस ने रत्नागिरी से हिरासत में लिया था और केरल पुलिस को सौंप दिया.

Kerala Train Fire Case (Photo Credit: IANS Twitter)

तिरुवनंतपुरम, 16 अप्रैल: 2 अप्रैल को ट्रेन में आग लगाए जाने के मामले में केरल पुलिस अभी भी हमले के पीछे के मकसद का पता नहीं लगा पाई है. हमलावर शाहरुख सैफी को महाराष्ट्र एटीएस ने रत्नागिरी से हिरासत में लिया था और केरल पुलिस को सौंप दिया. भले ही सैफी पिछले नौ दिनों से राज्य पुलिस की हिरासत में है, लेकिन केरल पुलिस इस मामले को सुलझाने में नाकाम रही है क्योंकि वह बार-बार दावा कर रहा है कि हमले में वह अकेला था. ट्रेन में इस घटना में दो साल के बच्चे समेत तीन लोगों की गिरकर मौत हो गयी थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पहले ही कह चुकी है कि यह एक आतंकी हमला था और शाहरुख सैफी के पीछे बाहरी ताकतें हैं. यह भी पढ़ें: Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल की हत्या के मामले में छह आरोपियों की मौत, अन्य फरार

पुलिस को पता चला है कि उसने ट्रेन में डिब्बे को जलाने के लिए दो बोतल पेट्रोल खरीदा था. उसने केरल के शोरानूर में एक फ्यूल पंप स्टेशन से पेट्रोल खरीदा था. कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब पुलिस ढूंढ रही है, जैसे हमलावर शोरनूर क्यों पहुंचा था और क्या उसका वहां कोई साथी था. पुलिस के अनुसार, हमलावर ने शोरनूर में लगभग 14 घंटे बिताए, यह मुख्य एंगल है जिस पर जांच केंद्रित है.

शोरनूर इस्लामवादी समूहों का एक प्रमुख केंद्र है और प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का इस क्षेत्र में एक मजबूत आधार है। यहां तक कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बावजूद, इसकी राजनीतिक शाखा, सोशल डेमोकेट्रिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की मौजूदगी है और लगभग सभी पीएफआई नेता अब एसडीपीआई के साथ हैं.

सूत्रों का कहना है कि शाहरुख सैफी केरल क्यों पहुंचा और ट्रेन जलाने का कारण क्या था, इस मामले को केरल पुलिस सुलझा नहीं पा रही है, ऐसे में सीबीआई जांच जरूरी मानी जा रही है. केरल पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शाहरुख सैफी ने दबाव में नहीं झुकने का अच्छा मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

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