केरल में बाढ़ से बदतर हुई जिंदगी: 324 लोगों की मौत, हालात का जायजा लेने जाएंगे PM मोदी

केरल में बाढ़ से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कुछ जगहों पर बारिश धमने से थोड़ी राहत जरुर मिली है लेकिन अभी भी हजारों लोग मदद का इंतजार कर रहे है. 10 दिनों से प्रलय मचा रही बाढ़ से अबतक 324 लोगों की मौत हो चुकी है.

केरल में बाढ़ से 324 लोगों की मौत (Photo Credits: IANS)

तिरुवनंतपुरम: केरल में बाढ़ से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कुछ जगहों पर बारिश धमने से थोड़ी राहत जरुर मिली है लेकिन अभी भी हजारों लोग मदद का इंतजार कर रहे है. 10 दिनों से प्रलय मचा रही बाढ़ से अबतक 324 लोगों की मौत हो चुकी है. हेलीकॉप्टरों के जरिए सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों, एनडीआरफ टीमों और मछुआरों ने अपनी मोटर बोटों के जरिए व्यापक बचाव अभियान छेड़ दिया है. 1,500 से ज्यादा राहत कैंपों में 2,23,139 लोगों ने शरण ली है. वहीं बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल जा रहे है.

ताजा जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को छह और लोगों की मौत हो गई. भारी बारिश और फ्लश बाढ़ के कारण कर्नाटक और केरल के बीच चलने वाली 17 ट्रेन रद्द कर दी गई है. शुक्रवार सुबह से कई जिलों में बारिश कम हो गई है और इडुक्की जिले के बड़े बांधों से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन कासरगोड को छोड़कर 13 जिलों में अभी भी रेड अलर्ट है.

मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि स्थिति अभी भी गंभीर है. उन्होंने कहा, "अच्छी खबर सिर्फ यह है कि राज्य के कुछ इलाकों में बारिश कम हो गई है और हमारी योजना दिन के अंत तक इन इलाकों में फंसे लोगों को निकालने की है."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह बाढ़ की स्थिति पर विजयन से फोन पर बात की और कहा कि वह शुक्रवार को ही स्थिति का जायजा लेने वहां जाएंगे.

आठ अगस्त के बाद से राज्य में 164 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2.23 लाख लोगों को 1,568 राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है.

समीक्षा बैठक के बाद विजयन ने कहा, "सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में पथनामथित्ता, अलप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिसूर शामिल हैं, जहां 52,856 परिवार प्रभावित हैं." उन्होंने कहा कि बचाव और राहत कार्य में वर्तमान में कार्यरत 14 हेलीकॉप्टरों के अतिरिक्त 11 और हेलीकॉप्टर जल्द आएंगे.

चेंगानूर और चलाकुडी जिलों में फंसे लोगों को सिर्फ हवाई मार्ग से निकला जा सकता है, जिसके कारण रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने अतिरिक्त हेलीकॉप्टर के लिए मंजूरी दे दी है.

विजयन ने कहा कि शुक्रवार को सेना के 16, तटरक्षक के 28, एनडीआरएफ के 39 और नौसेना के 42 दल बचाव अभियान में शामिल थे, जबकि आज ही एनडीआरएफ के 14 अन्य दल और पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि इडुक्की और वायनाड के इलाकों तथा पथनामथित्ता के कुछ इलाकों में पानी कम हुआ है.

पेरियार और इसकी सहायक नदियों के पानी ने एर्नाकुलम और त्रिसूर के कई नगरों को जलमग्न कर दिया है. हजारों लोग ऊंची इमारतों की छतों पर बैठकर बचाव दल का इंतजार कर रहे हैं. अकेले एर्नाकुलम और त्रिसूर में ही 50,000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं.

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