नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण को लेकर तीर्थपुरोहितों, साधु-संतों और उत्तराखंड की जनता में आक्रोश बना हुआ है. इस बीच ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी इसका विरोध किया. उन्होंने कहा, केदारनाथ मंदिर दिल्ली में नहीं बन सकता. बारह ज्योतिर्लिंग निर्धारित हैं. उसका स्थान तय है. यह गलत है. केदारनाथ में 228 किलो सोने का घोटाला हुआ. किसी को इसकी चिंता नहीं है." Kedarnath Heli Service: हेलीकॉप्टर से जाना है केदारनाथ धाम? IRCTC से ऐसे करें बुकिंग, यहां मिलेगी पूरी डिटेल.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, बारह ज्योतिर्लिंगों का स्थान निर्धारित है. उन्होंने कहा, शिवपुराण में बारह ज्योतिर्लिंगों का व्याखान किया गया है, उनके बारे में बताया गया है. बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम के साथ उनका पता भी बताया गया है. कहा गया है... सौराष्ट्रे सोमनाथं... पहले सौराष्ट्र यानी पता फिर ज्योतिर्लिंग. उसी तरह से केदारम हिमवतपृष्ठे.... जो केदार है वो हिमालय के पृष्ठ भाग में है. यानी हिमालय में केदार है... तो आप दिल्ली में कहां से लाकर रख दोगे.
दिल्ली में नहीं बनना चाहिए केदारनाथ मंदिर
VIDEO | Swami Avimukteshwaranand Saraswati, Shankaracharya of Jyotirmath was at 'Matoshree' in Mumbai on request of Shiv Sena (UBT) Chief Uddhav Thackeray. Here's what he said interacting with the media.
"We follow Hindu religion. We believe in 'Punya' and 'Paap'. 'Vishwasghat'… pic.twitter.com/AZCJaDfHhi
— Press Trust of India (@PTI_News) July 15, 2024
पता साफ-साफ बताया गया है कि कौन सा ज्योतिर्लिंग कहां है तो आप लोकेशन क्यों बदलना चाहते हो... क्यों जनता को भ्रम में डालना चाहते हो. भगवान के हजार नाम हैं, किसी भी नाम से स्थापना करके पूजा करिए लेकिन केदारनाथ धाम दिल्ली में बनेगा ये नहीं होना चहिये.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, केदारनाथ में 228 किलो सोने का घोटाला हुआ. किसी को इसकी चिंता नहीं है. 228 किलो सोना केदारनाथ से गायब कर दिया गया. क्यों इस पर जांच नहीं होती है. कौन जिम्मेदार है.