कठुआ गैंगरेप एवं हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने जुवेनाइल बोर्ड में नाबालिग पर चल रही सुनवाई पर लगाई रोक

उच्चतम न्यायालय ने कठुआ में आठ साल की लड़की से सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या में कथित रूप से शामिल एक नाबालिग के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई पर शुक्रवार को रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्या के मामले में शामिल आरोपी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आयी है. बताना चाहते है कि सुप्रीम कोर्ट ने  किशोर न्याय बोर्ड में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने दावा करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट ने उसे साल 2018 में अपराध के समय किशोर ठहराने के निचली अदालत के आदेश को गलती से मान लिया था. इसी पर आज फैसला लेते हुए न्यायमूर्ति एन वी रमना, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने सुनवाई स्थगित कर दी है.

जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से पेश पाटवालिया ने कहा कि उच्च न्यायालय ने नगर निगम और स्कूल के रिकार्ड में दर्ज जन्मतिथि में विरोधाभासों पर गौर किये बगैर ही निचली अदालत के 27 मार्च, 2018 के आदेश को 11 अक्टूबर, 2019 को गलती से स्वीकार कर लिया. शीर्ष अदालत ने सात मई, 2018 को इस मामले की सुनवाई कठुआ से पंजाब के पठानकोट में स्थानांतरित कर दी थी और रोजाना सुनवाई का आदेश दिया था। उससे पहले कुछ वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को कठुआ में इस मामले में आरोपपत्र दायर नहीं करने दिया था. यह भी पढ़े-कठुआ गैंगरेप और हत्या के मामले में अदालत ने सुनाया फैसला, 7 में से 6 आरोपी दोषी करार- एक रिहा

ANI का ट्वीट-

विशेष अदालत ने पिछले साल दस जून को तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. अभियोजन के अनुसार 10 जनवरी, 2018 को आठ साल की एक लड़की को अगवा किया गया था और उसे नशीली दवा देकर चार दिनों तक गांव के एक छोटे मंदिर में उससे बलात्कार किया गया था। बाद में उसकी हत्या कर दी गयी थी.

(भाषा इनपुट के साथ) 

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