भारत की सख्ती के आगे झुका PAK, खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को करतारपुर कमेटी से हटाया
करतारपुर कॉरिडोर में अहम वार्ता से पहले पाकिस्तान भारत के दबाव के आगे झुक गया है. भारत की सख्ती के बाद पाकिस्तान ने पाक आतंकी हाफिद सईद के खास गुर्गे और खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला का नाम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया है. गोपाल सिंह चावला अब करतारपुर कॉरिडोर कमेटी का सदस्य नहीं है.
करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) को लेकर भारत-पाकिस्तान रविवार 14 जुलाई को बातचीत करने वाले हैं. इस अहम वार्ता से पहले पाकिस्तान भारत के दबाव के आगे झुक गया है. भारत की सख्ती के बाद पाकिस्तान ने पाक आतंकी हाफिद सईद के खास गुर्गे और खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला (Gopal Singh Chawla)का नाम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया है. गोपाल सिंह चावला अब करतारपुर कॉरिडोर कमेटी का सदस्य नहीं है. पाकिस्तान के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को नगर कीर्तन में शामिल होने का न्योता दिया है. 25 जुलाई को ननकाना साहिब में कीर्तन है.
बता दें कि गोपाल सिंह चावला आतंकी हाफिज सईद का करीबी है और पाकिस्तान सरकार के टुकड़ों पर पल कर भारत के खिलाफ साजिशें करता है. गोपाल चावला पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई (ISI) का वो खास कारिंदा है. आईएसआई गोपाल सिंह चावला का इस्तेमाल पंजाब में खालिस्तानी और अलगाववादी भावनाओं को भड़काने के लिए करती रहती है.
यह भी पढ़ें- मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, खालिस्तान समर्थक 'सिख फॉर जस्टिस' पर लगाया प्रतिबंध
कुछ महीने पहले गोपाल सिंह चावला की तस्वीरें पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा के साथ भी सामने आई थी. गोपाल चावला कई बार इमरान खान से भी मुलाकात कर चुका है. सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में गोपाल सिंह चावला के होने पर भारत ने सख्ती दिखाते हुए अप्रैल की मीटिंग कैंसिल कर दी थी. जिसके बाद इस बार पाकिस्तान ने यह गलती नहीं दोहराई.
दरअसल भारत को शक है कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के बहाने पंजाब में ऐसे तत्वों की घुसपैठ करा सकता है जो यहां अलगाववादी आंदोलन को हवा दे सकते हैं. इस कमेटी में गोपाल सिंह चावला के साथ खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने वाले मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे नाम थे.
भारत ने इन नामों पर सख्त विरोध जताते हुए करतारपुर कॉरिडोर पर बात करने से ही इनकार कर दिया था. भारत सरकार के सूत्रों ने कहा था कि ये नाम भारत में अलगाववादी और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल थे.