Karnataka Temple Tax Bill Defeated: कर्नाटक सरकार का मंदिरों पर कर लगाने का प्रस्ताव बुधवार, 22 फरवरी, 2024 को विधान परिषद में खारिज हो गया. "कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2023" का विरोध कई हिंदू संगठनों और विपक्षी दलों ने किया था. उनका तर्क था कि यह मंदिरों पर आर्थिक बोझ डालेगा और उनकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप करेगा.
विधेयक में मंदिरों की सकल आय पर 1% से 10% तक की कर लगाने का प्रस्ताव था. सरकार ने तर्क दिया था कि कर राजस्व का उपयोग मंदिरों के विकास और रखरखाव के लिए किया जाएगा, लेकिन आलोचकों का कहना था कि यह धार्मिक संस्थानों पर राज्य नियंत्रण बढ़ाने का एक छिपा हुआ प्रयास था.
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— NDTV (@ndtv) February 23, 2024
विधान परिषद में बहस तीखी थी, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) के सदस्यों ने इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने और धार्मिक संस्थानों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस पार्टी ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि मंदिरों के वित्त का सही प्रबंधन सुनिश्चित करने और धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए यह आवश्यक था. हालांकि, पार्टी के पास विधान परिषद में बहुमत नहीं था और विधेयक को अंततः 25 से 18 मतों से खारिज कर दिया गया.
मंदिर कर विधेयक की हार कर्नाटक सरकार के लिए एक झटका है, जिसने इस कदम से अतिरिक्त राजस्व जुटाने की उम्मीद की थी. यह उन हिंदू संगठनों और विपक्षी दलों के लिए भी जीत है जिन्होंने विधेयक के खिलाफ अभियान चलाया था.