कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब विवाद (Hijab Ban) के बाद अब सांप्रदायिक तनाव और बढ़ता दिख रहा है. पिछले सप्ताह कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल और कॉलेज में हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया था, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी हिजाब का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. कई मुस्लिम संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच अब खबर है कि कर्नाटक के तटीय इलाकों में लगने वाले मेलों में मुस्लिम संगठनों को दुकान लगाने से मना किया जा रहा है. Hijab Controversy: हिजाब फैसले पर कर्नाटक के जजों को जान से मारने की दी गई धमकी, 2 गिरफ्तार.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तटीय कर्नाटक क्षेत्र में कुछ बैनर्स दिखाई दिए हैं, जिनपर लिखा है कि मंदिरों के वार्षिक मेले में मुसलमान दुकान नहीं लगा सकते. रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोजन समितियों पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठन दबाव बना रहे हैं. वे नहीं चाहते हैं कि यहां मेलों मुसलमान अपनी दुकान लगाएं.
दक्षिणपंथी समूहों का कहना है कि हिजाब पर आए हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम संगठनों ने बंद का ऐलान किया और अपनी दुकानें बंद रखीं. इसलिए मंदिरों को उन्हें वार्षिक मेले में स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि तटीय कर्नाटक के कई हिस्सों में मंदिर अधिकारियों ने मुस्लिम व्यापारियों के वार्षिक मेलों में स्टॉल खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है. कथित तौर पर मुसलमान कई सालों से इन मेलों में स्टॉल लगा रहे थे.
20 अप्रैल को होने वाले महालिंगेश्वर मंदिर उत्सव के आयोजकों ने नीलामी में मुसलमानों के भाग लेने पर रोक लगा दी है. इसमें केवल हिंदुओं को ही स्टॉल के लिए बोली लगाने की अनुमति है. इसी तरह, उडुपी जिले के कौप में होसा मारिगुडी मंदिर ने इस सप्ताह आयोजित होने वाले वार्षिक मेले के लिए 18 मार्च को हुई नीलामी में मुसलमानों को स्टॉल आवंटित करने से इनकार कर दिया.