बेंगलुरु, 14 दिसंबर : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि वह शहर में सड़कों की व्हाइट टॉपिंग पर चर्चा के लिए जल्द ही बेंगलुरु के विधायकों की बैठक बुलाएंगे. विधान परिषद में 'प्रश्नकाल' के दौरान विधायक एच.एस. गोपीनाथ के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में 1.14 करोड़ वाहन हैं और बेंगलुरु में हर दिन 1,300 से अधिक दोपहिया वाहन और 490 नई कारें पंजीकृत होती हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा, ''भारी यातायात के कारण सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं. सड़कों पर व्हाइट टॉपिंग से यह समस्या हल हो जाएगी क्योंकि यह 25-40 वर्षों तक चलती है.''
व्हाइट टॉपिंग के लिए 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन है. छोटी सड़कों पर भी व्हाइट टॉपिंग की मांग है. मैं बेंगलुरु के विभिन्न क्षेत्रों में व्हाइट टॉपिंग की जरूरत को समझने के लिए जल्द ही विधायकों की एक बैठक बुलाऊंगा. बेंगलुरु में केबल बिछाने के लिए खुदाई का खतरा बढ़ गया है और इससे सड़कों को नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने कहा, ''इसलिए, व्हाइट टॉपिंग को व्यवस्थित तरीके से शुरू करने की जरूरत है.'' उन्होंने कहा कि सरकार बीबीएमपी के लिए फंड जारी कर रही है, लेकिन उसे अधिक राजस्व उत्पन्न करने और सरकार पर निर्भरता कम करने की जरूरत है. यह भी पढ़ें : राज्यसभा से निलंबित हुए डेरेक ओब्रायन, बावजूद सदन में रहने पर मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया :
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, ''हम अधिक राजस्व उत्पन्न करने और बीबीएमपी के वित्त को मजबूत करने के लिए करों में वृद्धि पर विचार कर रहे हैं. मैं इस पर सुझावों का स्वागत करता हूं. हमें बेंगलुरु के आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.'' अपराध की रोकथाम पर भाजपा विधायक भारती शेट्टी के सवाल का जवाब देते हुए शिवकुमार ने कहा, ''हालांकि भारती शेट्टी मूल रूप से मंगलुरु की रहने वाली हैं, लेकिन उन्हें बेंगलुरु की काफी चिंता है. स्वच्छता के मामले में मंगलुरु और बेलगावी बेंगलुरु से काफी आगे हैं. जयनगर, चामराजपेट, मल्लेश्वरम को छोड़कर, बेंगलुरु एक नियोजित शहर नहीं है.
बेंगलुरु पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. शहर में ट्रैफिक बढ़ रहा है. उपमुख्यमंत्री ने कहा, ''जब हेब्बाल फ्लाईओवर बनाया गया था, तब देवनहल्ली में कोई हवाई अड्डा नहीं था. उत्तरी बेंगलुरु के तेजी से बढ़ने के साथ, ट्रैफिक की समस्या है.'' उन्होंने कहा, ''हमने बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्याओं को हल करने के लिए 9 संस्थानों के साथ चर्चा की है. कल भी मेरी मीटिंग थी. हम ट्रैफिक प्रबंधन और अपराध को नियंत्रित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं. अपराध रोकने के लिए हम गृह विभाग के साथ भी काम कर रहे हैं. पांच प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक बहुत अधिक है और इसके लिए दीर्घकालिक योजना की जरूरत है.''